गुरूग्राम, 30 नवंबर । सैक्टर-52 गुरुग्राम के प्लाट नंबर जीएच-1 स्थित दी शांति निकेतन को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी एक बार मेंबरों को लेकर फिर से सुर्खियों में हैं। इस सोसायटी में 172 मेंबर थे, जिसकी गवर्निंगबॉडी का चुनाव बीते 2016 में हुआ था। उस समय मेंबरों को लेकर विवाद हाेने पर मामला न्यायालय से उच्च न्यायालय पहुंचा जहां आज भी विभिन्न विवादों के चलते मामला लंबित है।
अब इस सोसायटी के कई मेंबरों ने आरोप लगाया है कि दी शांति निकेतन को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी का मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने के बाद भी नियमों को ताक पर रखकर को-आपरेटिव के रजिस्ट्रार विभाग की ओर से उक्त सोसायटी में गलत मेंबरों की लिस्ट लगा दी गई। विभाग ने जो लिस्ट लगाई हैं उसमें मात्र 98 मेंबरों की जानकारी दी गई जबकि उक्त सोसाइटी के कुल मेंबरों की संख्या 172 है।
इस मामले में सोसायटी की मेंबर सुनीता कक्कड़ ने कहा कि मामला अदालत में होने के कारण सोसायटी में सभी तरह के कार्य पर पाबंदी है, फिर भी विभाग की ओर से बिना किसी सूचना, नाेटिस व पत्राचार किए बगैर इस तरह की लिस्ट जारी करके असमंजस की स्थिति पैदा की गई है। जिन मेंबरों का नाम लिस्ट में नहीं है अब सभी मेंबर एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं।
जल्द ही इस मामले में सभी मेंबर एकजुट होकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे और अपने वकील के मामध्यम से विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी उच्च अदालत के समक्ष भी रखेंगे।उनकी मांग है कि जिन मेंबरों का नाम सूची में नहीं है उन सभी मेंबरों के नाम जारी किए जाएं और जब तक मामला उच्च न्यायालय में है तबतक विभाग की ओर से किसी तरह का कार्य अमल में ना लाया जाए। विभाग द्वारा जारी लिस्ट में जिन 74 मेंबरों का नाम नहीं है अगर उन मेंबरों को अंधेरे में रखकर किसी तरह के कार्य किए जाते हैं तो हम अदालत की शरण लेने को मजबूर होंगे।
दी शांति निकेतन को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी एक बार मेंबरों को लेकर फिर से सुर्खियों में हैं
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