मुंबई। गणेशपुरी स्थित भीमेश्वर सद्गुरु नित्यानंद संस्थान पर पिछले 2 साल से ट्रस्टियों का चयन लटका हुआ है। ठाणे जिला सत्र न्यायालय, जहां चयन प्रक्रिया चल रही है, द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को कोई भी जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 9 अक्टूबर, 2023 को ठाणे जिला सत्र न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। अनिल गलगली ने श्री भीमेश्वर सद्गुरु नित्यानंद संस्थान और सक्षम प्राधिकारी पर ट्रस्टी नियुक्ति की प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है, इसकी जानकारी मांगी थी। साथ ही विज्ञापन के बाद प्राप्त आवेदनों और नियुक्तियों की सूची मांगी गई थी। जिला एवं सत्र न्यायालय प्रबंधक प्र. ल. कंठे ने अनिल गलगली को जानकारी देने से इनकार कर दिया और बताया कि केंद्र सरकार के परिपत्र के अनुसार, सार्वजनिक सूचना अधिकारी को जानकारी खोजने, एकत्र करने और तैयार कर आवेदक को देने से छूट दी गई है। सार्वजनिक सूचना अधिकारी ने अनिल गलगली को गलत तर्क दिया है, जबकि गलगली ने यह जानकारी खोजने, तैयार या एकत्र करने की मांग नहीं की थी।
गणेशपुरी में स्वामी नित्यानंद महाराज के समाधि मंदिर का प्रबंधन श्री भीमेश्वर सद्गुरु नित्यानंद संस्थान द्वारा किया जाता है। इस संस्था पर ग्यारह ट्रस्टी कार्यरत होते हैं। इस न्यासी बोर्ड की नियुक्ति प्रक्रिया पांच साल की अवधि के लिए ठाणे जिला सत्र न्यायालय के माध्यम से की जाती है। पिछले न्यासी बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हुए दो साल हो गए हैं और 11 अक्टूबर, 2021 को न्यासी के चयन के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। यह बताते हुए अनिल गलगली ने कहा कि नियुक्ति न होने के कारण निर्णय लेने में कठिनाइयाँ आती हैं और भक्तों की ठाणे जिला सत्र न्यायालय से तत्काल कार्रवाई करने की उम्मीद है।