
200 साल पुराना बांध टूटा: गुरुग्राम में हाहाकार, ट्रेनिंग सेंटर का रास्ता 14 घंटे बंद, नगर निगम पर लापरवाही के आरोप गुरुग्राम, 2 सितंबर: गांव कदरपुर में स्थित 200 साल पुराना अंग्रेजों के समय बना बांध भारी बारिश के बाद टूट गया। इस हादसे से केंद्रीय सुरक्षा बल (CRPF) और हरियाणा पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचने वाला मुख्य रास्ता लगभग 14 घंटे तक पूरी तरह बंद रहा। स्थानीय निवासियों और ग्रामीणों ने नगर निगम गुरुग्राम पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
200 साल पुराना बांध टूटा: गुरुग्राम में हाहाकार, ट्रेनिंग सेंटर का रास्ता 14 घंटे बंद, नगर निगम पर लापरवाही के आरोप
गुरुग्राम, 2 सितंबर:
गांव कदरपुर में स्थित 200 साल पुराना अंग्रेजों के समय बना बांध भारी बारिश के बाद टूट गया। इस हादसे से केंद्रीय सुरक्षा बल (CRPF) और हरियाणा पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचने वाला मुख्य रास्ता लगभग 14 घंटे तक पूरी तरह बंद रहा। स्थानीय निवासियों और ग्रामीणों ने नगर निगम गुरुग्राम पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
अरावली से आए पानी का दबाव नहीं झेल सका पुराना बांध
अरावली की पहाड़ियों से आई बारिश का भारी बहाव कदरपुर गांव के इस ऐतिहासिक बांध पर पड़ा। पानी के तेज दबाव के चलते बांध टूट गया और आसपास के सेक्टरों और रिहायशी इलाकों में जलभराव हो गया। गांव कदरपुर निवासी बलराज दायमा ने बताया कि नगर निगम ने पिछले 5 वर्षों से बांध की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे यह कमजोर होता गया। एक दिन की बारिश में ही यह ऐतिहासिक संरचना टूट गई, जिससे पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।
1971 में भी टूटा था यह बांध
स्थानीय निवासियों के अनुसार यह बांध 1971 में भी टूट चुका है, लेकिन उसके बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। कदरपुर के पूर्व प्रधान सतीश कुमार का कहना है कि जब तक यह क्षेत्र ग्राम पंचायत के अधीन था, तब तक हर साल मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किए जाते थे। लेकिन जैसे ही यह नगर निगम के अधीन आया, बांध की देखरेख पूरी तरह बंद हो गई।
ट्रेनिंग सेंटर और रिहायशी क्षेत्र प्रभावित
इस बांध से सटे क्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षा बल (CRPF) और हरियाणा पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर मौजूद हैं। बांध टूटने से इन केंद्रों का संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गया। करीब 4 किलोमीटर की दूरी में फैला यह बांध अब अवैध कब्जों से भी जूझ रहा है, जिससे इसकी स्थिति और खराब हो गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि नगर निगम और प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे बांध कमजोर होता चला गया।
जलभराव ने बदले शहर के हालात
बांध टूटने से गुरुग्राम के सेक्टर 63 और आसपास के रिहायशी इलाकों में पानी भर गया। सड़कों पर पानी भरने से गाड़ियां बंद हो गईं, लोग घंटों तक फंसे रहे। शहर के कई हिस्से रात भर जलमग्न रहे। स्थानीय निवासी रविंद्र कुमार ने बताया कि भारी बारिश से अरावली का सारा पानी बांध किनारे जमा हो गया था। कमजोर बांध दबाव नहीं झेल सका और टूट गया। उन्होंने इस स्थिति के लिए नगर निगम गुरुग्राम को जिम्मेदार ठहराया।
प्रशासन की आंखें डूबने के बाद खुलीं
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जब तक रिहायशी इलाकों और सड़कों पर पानी नहीं भर गया, तब तक प्रशासन और नगर निगम ने कोई कदम नहीं उठाया। हादसे के बाद जब हालात बिगड़े और सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुईं, तब अधिकारियों ने राहत कार्य शुरू किया। कई जगह निचले स्तर के अधिकारियों को सड़कों पर खड़ा कर खानापूर्ति की गई।
सरकार की बदनामी, जनता बेहाल
लगातार बारिश से गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरी क्षेत्रों की स्थिति खराब हो रही है। मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार चेतावनी देने और समय-सीमा तय करने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने तैयारी नहीं की। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते पुख्ता इंतजाम किए गए होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था।