- बिना सरकारी लाइसेंस के शराब के अवैध आहता में शराब कबाब परोसी जा रही हैं
- लीपापोती के लिए मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने छापामारी कर मालिकों की बजाय नौकरों को किया गिरफ्तार
गुरुग्राम,11मार्च
देश की राजधानी दिल्ली के साथ लगते थे हरियाणा के साइबर सिटी गुरुग्राम में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. जबकि गुरुग्राम में हरियाणा सरकार के उच्च अधिकारियों की फौज तैनात है एक दर्जन आईएएस अधिकारियों के अलावा आईपीएस के अलावा एचसीएस अधिकारियों की फौज है मगर अवैध कारोबारी इतने लीडर हैं किसी की भी परवाह नहीं है लीपापोती के लिए मुख्यमंत्री उड़नदस्ता बीच-बीच में छापामारी करता रहा है और शुक्रवार देर रात उड़न दस्ते ने अवैध रूप से बिना लाइसेंस के चल रहे साइबर सिटी के बीच सेक्टर 29 चकरपुर में अहाता चल रहा था जिस पर उड़न दस्ते के अधिकारियों ने मालिकों की बजाए काम करने नौकरों को गिरफ्तार किया है.
यह पहली बार नहीं है अवैध रूप से शराब के ठेके के अलावा कबाब शराब का सेवन करना वाले अवैध रूप से आहता है पहली बार पकड़ा गया हो मगर हर बार नौकरों को ही गिरफ्तार किया जाता है अवैध धंधा करने वाली मालिकों को पुलिस छू नहीं पाती है जिसके चलते गुरुग्राम साइबर सिटी में अवैध कारोबार बिना किसी भी डर के चल रहे हैं.
पुलिस कमिश्नर से लेकर बड़े अधिकारी गुरुग्राम में तैनात फिर भी अवैध धंधे जोरों पर
हरियाणा सरकार हर महीने करोड़ों अरबों रुपए पुलिस प्रशासन के अलावा अन्य विभाग के कमिश्नर एवं उच्च अधिकारियों की फौज पर खर्च करती है लेकिन इन अधिकारियों के नजदीकी मिलने वाले इनके पदों का लाभ उठाकर अनेक प्रकार के गलत कार्य करते हुए जरा भी नहीं घबराते क्योंकि उनको संरक्षण मिला हुआ है और अगर चंडीगढ़ या अन्य जिलों से पुलिस उच्च अधिकारी कोई कार्रवाई करते हैं तो असली मालिकों की बजाय नौकरों को ही गिरफ्तार किया जाता है जिसके चलते कहीं ना कहीं अधिकारियों की मिलीभगत की बदबू आती रही है.
पहले भी पकड़े जा चुके हैं अवैध शराब के ठेके व आहता
मुख्यमंत्री के उड़न दस्ते ने फरवरी जनवरी और दिसंबर में कई अवैध शराब के ठेके को सील किया था और उनके गुर्गों को गिरफ्तार किया था मालिक फिर भी बता दिए थे और यही शुक्रवार को रात्रि के समय चल रहा अवैध रूप से आहता सील कर दिया गया नौकरों को गिरफ्तार किया गया मगर जिस थाना क्षेत्र में यह अवैध कारोबार चल रहा था उस थाना के प्रभारी के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई क्योंकि उनकी देखरेख में अवैध कारोबार को बढ़ावा मिल रहा था.