- यूनिवर्सिटी के उपकुलपति ने अपने आराम के लिए कॉलेज की प्रॉपर्टी पर खर्च किए करीब 4 करोड़
- जांच के लिए विजिलेंस प्रमुख सतरूजित को लिखा पत्र
- अपने नजदीकी और रिश्तेदारों पर मेहरबान
गुरुग्राम, 5 अप्रैल |
सेक्टर 51 यूनिवर्सिटी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है यूनिवर्सिटी जहां भर्ती को लेकर सवाल उठने लगे वही अस्थाई कर्मचारियों को बिना नोटिस के निकाला जा रहा है जिसके चलते हरियाणा सरकार की छवि युवा वर्ग में खराब हो रही है. सूत्रों की माने तो लगातार यह यूनिवर्सिटी भ्रष्टाचार को लेकर भी सुर्खियों में है भ्रष्टाचार की जांच के लिए हरियाणा सीएम विंडो पर शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन उपकुलपति प्रभावशाली व शिकायतकर्ता को आर एस एस का भय दिखाकर भयभीत करने का प्रयास कर रहा है शिकायतकर्ता अरुण सिंह का कहना है की यूनिवर्सिटी में करोड़ों का घोटाला है और मुख्यमंत्री के आवास की बराबरी करना चाहते हैं यूनिवर्सिटी में अपने आराम के लिए आवास बनाकर जबकि नियम अनुसार किसी की प्रॉपर्टी में कोई अन्य सरकारी पैसा नहीं लगाया जा सकता जबकि यहां सरेआम यूनिवर्सिटी का पैसा कालेज की प्रॉपर्टी में लगाया जा रहा है जो सरकार के आदेशों की सरेआम उल्लंघना हो रही हैं.
यूनिवर्सिटी का अपना भवन नहीं, कॉलेज में चल रही है
सेक्टर 51 गुरुग्राम यूनिवर्सिटी का अपना भवन नहीं है अस्थाई रूप से राव तुलाराम कॉलेज में चल रही है और निर्माण कार्य भी लोक निर्माण विभाग या कॉलेज प्रबंधक करा सकते हैं नए की यूनिवर्सिटी मगर यहां पर इतनी अंधेर कर दी है की यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अपने निवास पर जो यूनिवर्सिटी की प्रॉपर्टी नहीं है करीब 4 करोड़ से अधिक रुपए लगा चुके हैं जिसकी आवाज अब देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के समक्ष उठ चुकी है.
विजिलेंस प्रमुख शत्रु जीत को लिखा गया पत्र
यूनिवर्सिटी में हो रहे घोटाले की जांच के लिए गुरु ग्राम निवासी सुशील ने विजिलेंस प्रमुख शत्रु जीत आईपीएस को पत्र लिखा है जिसमें यूनिवर्सिटी द्वारा खर्च किए गए कॉलेज के भवन पर करोड़ों रुपए की जांच की मांग की है. वही गुरुग्राम यूनिवर्सिटी द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपए कहां खर्च हुए किसके आदेश पर हुए किसने टेंडर किया और किन के हस्ताक्षर है पूरा मामला मुख्यमंत्री उड़नदस्ता भी गंभीरता से देख रही है. सूत्रों की माने कभी भी मुख्यमंत्री का उड़नदस्ता छापामारी कर सकता है और विजिलेंस विभाग भी इस यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड खंगाल सकती है जिसकी अंदरूनी तैयारी चल रही है.
यूनिवर्सिटी में भर्ती मामले में भी परिवारवाद नजदीकी रिश्तेदार सबसे आगे

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी में भर्ती मामले में भी अपने अपने को प्राथमिकता दी जा रही है रिश्तेदार नजदीकी प्यारे-प्यारे यूनिवर्सिटी में स्थाई अस्थाई सरकार को अंधेरे में रखकर लगाए जा रहे हैं और कुछ पहले से लगे हुए बेटा पिता बेटी के अलावा अन्य दूर के रिश्तेदारों को भी यूनिवर्सिटी में रोजगार दिया ऐसे में जिनकी पहुंच नहीं है उन्हें रोजगार कैसे मिले इस मामले को लेकर भी चंडीगढ़ विधानसभा में विपक्ष पार्टी के नेता मुद्दा उठाने की तैयारी कर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी द्वारा कालेज की प्रॉपर्टी पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए को लेकर जब उपकुलपति दिनेश कुमार अग्रवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया जिसके चलते उनका पक्ष नहीं मिल सका.
अगली किस्त में किन-किन के रिश्तेदार, नजदीकी यूनिवर्सिटी में सेवा दे रहे पूरी सूची के साथ जारी की जाएगी.