अतिरिक्त मुख्य सचिव पर सख्त कार्रवाई के आदेश
- हरियाणा,7 जुलाई : हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव संजीव कौशल को पत्र लिखा है। पत्र में सख्त कार्रवाई और तबादले की सिफारिश की गई है।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मानेसर भूमि अधिग्रहण मुआवजे के मामले में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को नजरअंदाज किया है। इधर, दुष्यंत चौटाला के पत्र लिखते ही मुख्यमंत्री कार्यालय भी हरकत में आ गया है। मानेसर भूमि अधिग्रहण मुआवजे का विवाद निपटाने के लिए चार दिन के भीतर दूसरी बार कैबिनेट की बैठक बुला ली गई है।
- सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को होने वाली इस कैबिनेट में इस मामले को दोबारा रखा जाएगा। इस पर कैबिनेट में चर्चा के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा कि किसानों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर मुआवजा राशि दी जाए या फिर वर्तमान में जमीन के मार्केट रेट के आधार पर।
- कैबिनेट में बिना जानकारी दिए रख दिया एजेंडा
- चार जुलाई को हुई बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एक एजेंडा रखा था। यह एजेंडा मानेसर में कई गांवों की अधिगृहित भूमि के मुआवजे को लेकर था। पेंच यहां फंस गया कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग भी दुष्यंत चौटाला के पास है और मुआवजा देने के लिए राजस्व विभाग की जिम्मेदारी भी उनके ही पास है।
- सूत्रों के मुताबिक बैठक में जब दुष्यंत ने अपने विभाग का एजेंडा देखा तो वह हैरान हो गए। उन्होंने एतराज जताया और मामले को लंबित रखवा दिया। इसके बाद नाराज डिप्टी सीएम ने कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया
- आंदोलनकारी मिल चुके हैं सीएम मनोहर से
- मानेसर के गांव कासन, ढाणी प्रेमनगर, सहारदन, नैनवाल, कुकडोला सहित अन्य कई गावों की 1810 एकड़ जमीन को सरकार ने अधिगृहित किया है। सरकार ने किसानों को 51.30 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया, जबकि किसानों की मांग है कि यहां मार्केट रेट प्रति एकड़ करोड़ों रुपये है, इसलिए मार्केट रेट के आधार पर मुआवजा तय किया जाए। बीच में मामला अदालत में चले जाने के चलते लटक गया था। जमीन बचाओ संघर्ष समिति इसको लेकर आंदोलन कर रही है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात कर चुकी है। सीएम ने आश्वासन दिया था कि किसानों को उचित राशि दी जाएगी। इस मामले पर अब फैसला लिया जाना है।