सरकार प्रति एकड़ 50 हजार व 2.50 लाख टयूबवैल का मुआवजा दे
- सिरसा,18 जुलाई : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेशभर में बारिश व घग्घर नदी में बढ़े जलस्तर से लाखों एकड़ भूमि में खड़ी धान,हराचारा,सब्जी व अन्य फसल तगाह हो गई है। सरकार ने बाढ़ से निपटने में उचित प्रबंध करने की बजाय लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। सरकार को अपनी जुम्मेवारी से भागने की अपेक्षा उचित प्रबंध करने चाहिए। कुमारी सैलजा मंगलवार को सिरसा के ओट हैड,फिरोजाबाद,झोरडऩाली,बुढाभाना,खैरेकां,सहारणी सहित दर्जनभर गावों में बाढ़ प्रभावितों से मिलने के उपरांत मीडिया से बातचीत कर रही थीं। इससे पहले कुमारी सैलजा ने ओटू हैड पर सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से जलस्तर पर विस्तार से चर्चा की।
- कुमारी सैलजा ने कहा कि मैं प्रदेश उत्तरी छोर से चलकर सिरसा तक पहुंची हूं ,हर जगह प्रबंधों में कमी नजर आई। नदी के तटबंधों के किनारे ग्रामीण खुद तटबंध टूट ना जाए इसलिए मिट्टी डालने व रखवाली करने में लगे हुए हैं। जगह जगह मनरेगा महिला मजदूर मिट्टी के थैले भरने में सहयोग करती नजर आईं। मनरेगा मजदूर महिलाओं ने मुलाकात में कहा कि पहले मंहगाई ने मार रखा है अब सरकार की नाकामी से बाढ़ का पानी मार रहा है। भय सता रहा है कि फसलें तो तबाह हो गई अब कहीं उनके कच्चे पक्के आशियाने ना ढह जाएं। बाढ़ में गरीब लोगों के जो मकान ढह गए हैं उनको सरकार मापदंडों में रियायत देकर पुन:बनवाने का काम करे।
- कुुमारी सैलजा ने केंद्र व राज्य सरकार से बाढ़ राहत में काम कर रहे मनरेगा मजदूरों का इसके बदले अतिरिक्त दिन देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसलें तबाह हुई हैं उनको मुआवजा के लिए सरकार निजी कंपनियों के भरोसे ना छोडक़र प्राथमिकता के आधार पर मुआवजा राशि प्रदान करे। इसके साथ ही कृषि पर आधारित मजदूरों के भरण पोषण का प्रबंध भी करे।