- राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्णः बण्डारू दत्तात्रेय
कुरुक्षेत्र, 12 अगस्त। भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि एक विद्यार्थी की सफलता के पीछे समाज के अनेक लोगों का संकल्प एवं तपस्या होती है। यह सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से ही मिलती है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अन्य शिक्षण संस्थानों से कई प्रकार से अलग है। भारतीय संस्कृति में कुरुक्षेत्र का अपना एक विशेष महत्व है। कुरुक्षेत्र की पावन स्थली पर भगवान् श्री कृष्ण ने अपनी दिव्य वाणी से श्रीमद्भगवद गीता का संदेश दिया था। इस पुण्य भूमि से ही दुनिया को कर्मयोग का संदेश मिला। शिक्षा का उद्देश्य डिग्री प्राप्त करना नहीं होता बल्कि अच्छा इंसान बनना होता है। शिक्षण संस्थान भविष्य के निर्माता होते हैं। वे न केवल छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें अच्छा नागरिक व सफल कर्मी बनाते हैं। शिक्षक विश्वविद्यालयों में सबसे प्रमुख शिक्षा प्रदान करना राष्ट्र निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आडिटोरियम हॉल में 33वें दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द व उनकी धर्मपत्नी सविता कोविन्द, हरियाणा के राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्य मंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, उच्च शिक्षा मंत्री मूल चंद शर्मा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा व डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत् रूप से 33वें दीक्षान्त समारोह का शुभारंभ किया तथा स्मारिका का विमोचन भी किया।
इस दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के आग्रह पर परम्परानुसार दीक्षान्त समारोह को शुरू करने की घोषणा की। 33वें दीक्षांत समारोह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की तरफ से गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को यूनिवर्सिटी की तरफ से डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर (डी.लिट) की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। इसके साथ ही 33वें दीक्षांत समारोह में पीजी और यूजी पाठ्यक्रमों के सभी यूटीडी छात्र (2021-22 में उत्तीर्ण), पीएचडी 2023 के 88 डिग्री धारकों को डिग्रियां वितरित की।
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कला एवं भाषा संकाय के चिराग शर्मा, समाज विज्ञान संकाय की जाह्नवी, जीव विज्ञान संकाय की हेमलता, फार्मास्यूटिकल साइंस संकाय की निशा, विज्ञान संकाय की भव्या, शिक्षा संकाय की अरूणा कुमारी, प्राच्य विद्या संकाय की कृति शर्मा, विधि संकाय की तुलसी तथा वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय की कमलप्रीत कौर को गोल्ड व मेरिट सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही मुख्यातिथि पूर्व राष्ट्रपति, राम नाथ कोविन्द ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बेसिक सर्टिफिकेट कोर्स इन जैपनिज़ लैंग्वेज एंड कल्चर के प्रथम बैच के विद्यार्थियों हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल, वैंकटेशन उमाशंकर, कुलपति प्रो. सोमनाथ, अनंत प्रकाश पांडे, योगेन्द्र चौधरी व पवन कुमार को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सम्बन्धित कॉलेजों तथा प्रदेश में सबसे पहले केयू में लागू करने और इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल व कुलपति प्रो. सोमनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पावन धरा पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा का पहला ए प्लस श्रेणी का विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय ने हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे देश में खेल, शोध, सांस्कृतिक गतिविधियों सहित अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि किसी समाज का विकास सही मायनों में तभी होता है जब उस समाज की नारी शक्ति शिक्षित व सशक्त हो। एक शिक्षित बेटी दो परिवारों को शिक्षा और ज्ञान के महत्व से अवगत कराती है।