- चंडीगड़,17 अगस्त : हरियाणा को शत्रुजीत कपूर नए पुलिस महानिदेशक के रूप में मिल चुके हैं। कपूर सबसे जूनियर होने के बाद भी डीजीपी बनने की रेस में फ्रंट रनर बने रहे। इसकी कुछ खास वजह हैं।
- बता दे कि इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही कि शत्रुजीत कपूर अपनी कार्यप्रणाली के कारण मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज दोनों के ही फेवरेट थे। इसके साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद इनका रिटायरमेंट है। वह हरियाणा के डीजीपी का अपना दो साल का कार्यकाल पूरा करेंगे | नए DGP से सीनियर 1989 बैच के IPS ऑफिसर आरसी मिश्रा भी इस बार रेस में रहे। इसकी वजह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की उनके लिए लॉबिंग रही लेकिन यह लॉबिंग उनके काम नहीं आई पर कपूर के नाम की घोषणा में रोड़े जरूर अटकाए। वैसे तो कपूर के नाम की घोषणा एक दिन पहले ही होनी थी, लेकिन मिश्रा का नाम आने के बाद CM आवास पर दोनों के नामों को लेकर 3 घंटे से अधिक मंथन हुआ, जिसके बाद कपूर के नाम का ऐलान 16 अगस्त को किया गया।
- मिश्रा रेस से कैसे बाहर हुए
- आरसी मिश्रा 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उनका रिटायरमेंट जून 2024 में होना है। सीएम यह चाहते थे कि इस बार जो भी डीजीपी बने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद रिटायरमेंट हो। मिश्रा के साथ यह माइनस पॉइंट रहा। इन सब पॉइंट को लेकर सीएम ने दिल्ली हाईकमान को कन्विंस किया फिर जब दिल्ली से हरी झंडी मिली तो इसके बाद ही नए डीजीपी के नाम का ऐलान किया गया।
- IAS-HCS को भी नहीं छोड़ा, ऐसे है DGP शत्रुजीत कपूर
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले शत्रुजीत कपूर हाल ही में कई मामलों में कड़ी कार्रवाई कर चुके हैं। वे कई IAS अफसरों पर भी हाथ डाल चुके हैं। वहीं एचसीएस ऑफिसर के खिलाफ एक्शन लेने में नहीं हिचके हैं। शत्रुजीत कपूर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी और विश्वसनीय अफसरों में शामिल हैं। यही वजह रही कि उन्हें अब DGP बनाकर नई जिम्मेदारी दी है।