सिरसा। गत दिवस रोहतक में आशा वर्कर्स के साथ किए गए कथित दुव्यर्वहार के विरोध में वीरवार को प्रदेशभर की आशा वर्कर्स ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट््टर के पुतले फूंके। इसी कड़ी में सिरसा में भी पुतले फूंककर प्रदर्शन किया गया। वहीं 66वें दिन भी आशा वर्कर्स का धरना जारी रहा। धरने की अध्यक्षता कलावती माखोसरानी ने की।
यूनियन की प्रधान दर्शना ने कहा कि सरकार पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतर चुकी है और सरेआम महिलाओं के ऊपर अत्याचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही, लेकिन हम भी बिल्कुल नहीं डरेंगे और सरकार को दिखाएंगे कि हम किस संगठन में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ व महिला सम्मान की बात करने वाली सरकार को शर्म आनी चाहिए। प्रधान ने बताया कि बुधवार को रोहतक में गृहमंत्री अमित शाह जन संवाद करने के लिए आए थे। रोहतक की आशा वर्कर व राज्य महासचिव सुरेखा मांग पत्र देने के लिए वहां गए थे, लेकिन आशा वर्कर बहनों को पुलिस प्रशासन ने तानाशाही नीति अपनाते हुए गिरफ्तार किया और जेल में डाल दिया। रात्रि 9 बजे आशा वर्करों और स्टेट के महासचिव सुरेखा को रिहा किया गया। प्रधान ने कहा कि वे इस बेशर्म सरकार से पूछना चाहते हैं की आशाओं के घर पर कोई काम नहीं था क्या और वह रात के समय कहां जाए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है कि ऐसी गंदी मानसिकता के लोगों को सत्ता में बैठा रखा है। सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई के विरोध में ही पुतला फूंक प्रदर्शन किया जा रहा है।