पूरा शहर सफाई कर्मचारियों के विरोध में
सरकार की भी चेतावनी
भैंस बदलकर कच्चे कर्मचारियों के बीच में हड़ताल पर बैठे पक्के कर्मचारियों पर सरकार की गिर सकती है गज
गुरुग्राम 19 अक्टूबर। नगर निगम गुरुग्राम के सफाई कर्मचारियों के हड़ताल के विरोध में जहां एक तरफ शहर निवासी विरोध में आ खड़े हुए हैं वहीं दूसरी ओर कच्चे कर्मचारियों की हड़ताल के बीच में पोशाक बदलकर यानी वर्दी उतार कर हड़ताल में शामिल हो रहे पक्के कर्मचारियों पर हरियाणा सरकार एवं नगर निगम की ओर से गाज गिर सकती है वहीं दूसरी ओर अब कच्चे कर्मचारियों में भी आपस में हड़ताल को लेकर विरोध होने लगा है वहीं कुछ पक्के कर्मचारियों ने स्पष्ट तौर पर ऐलान किया है कि वह शहर की सफाई व्यवस्था में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे लेकिन उन्होंने कच्चे कर्मचारियों को भी अपील कर दी है कि वह अपने काम पर लौट जाए पक्के कर्मचारी उनके साथ नहीं देंगे।
हड़ताल के चलते सड़कों पर एवं गलियों में पड़े कूड़े को बर्दाश्त नहीं
शहर निवासी विजेंद्र सिंह ने कहा किसी भी सूरत में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सड़कों पर एवं गलियों में पड़े कूड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सफाई कर्मचारी अपने काम पर लौट जाए शहर में गंदगी ना फैलाएं अन्यथा हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों के विरोध में शहर निवासी भी सड़कों पर आ जाएंगे गुरुग्राम शहर के राजेंद्र सिंह,तिलक सिंह राकेश कुमार, मोहन सिंह, तिलक सिंह चौहान, दीपक एडवोकेट, अरुण कुमार शर्मा एडवोकेट के अलावा शहर के प्रमुख लोगों ने एवं आरडब्ल्यूए के विभिन्न सचिव और अध्यक्षों ने भी सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का विरोध किया है।
त्यौहार के नजदीक जानबूझकर सफाई कर्मचारी शहर वासियों को परेशान करते हैं
सभी शहर निवासियों का कहना है की दिवाली के त्यौहार के नजदीक जानबूझकर सफाई कर्मचारी शहर वासियों को परेशान करते हैं और जो पक्के कर्मचारी उनके बीच में बैठकर इनको भड़काने का काम करते हैं वह उनके हितेषी नहीं हो सकते नगर निगम प्रवक्ता का कहना है पहले निगम की ओर से चेतावनी दे दी गई है जो कच्चे कर्मचारियों को पक्के कर्मचारी भड़काने का काम कर रहे हैं सरकार और नगर निगम उन पर नजर बनाए हुए हैं और जो ड्यूटी नहीं कर रहे हैं उनका भी वेतन नहीं दिया जाएगा जहां तक कच्चे कर्मचारियों के वापस लेने की बात है जब-जब टेंडर बदलते हैं ठेकेदार बदले जाते हैं वह अपने हिसाब से अपने कर्मचारी रखते हैं इसमें नगर निगम का किसी प्रकार का कोई दखल नहीं होता और अगर कोई सफाई कर्मचारी अच्छा काम करते हैं उनको वापस भी लिया जाता है लेकिन हड़ताल के माध्यम से सरकार को दबाना नगर निगम के अधिकारियों पर दबाव बनाना यह बर्दाश्त नहीं किया जाता और ऐसे कर्मचारियों को वापस कम पर नहीं लिया जा सकता।
कर्मचारी यूनियनों के नेताओं के बहकावे में ना आए
नेताओं ने कभी भी कर्मचारी का भला नहीं किया
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने कहा कभी भी यूनियन के नेताओं ने कर्मचारियों का भला नहीं किया हमेशा उनका लूटा है और उनको बर्बाद करने का काम किया है कर्मचारी नेताओं के बहकावे में आकर अपनी नौकरी तक गवा देते हैं सफाई कर्मचारियों को भी इन पर ध्यान देने की जरूरत है कोई भी यूनियन का नेता किसी को नौकरी नहीं दिलवा सकता हटवा जरुर सकता है। कुछ और समय लगेगा यह अस्थाई कर्मचारियों की हड़ताल आखिरकार दम तोड़ जाएगी जिन कर्मचारियों की हड़ताल लंबी चली जाती है वह हड़ताल कभी सक्सेस नहीं हो पाती उन कर्मचारियों को आखिरकार इधर-उधर ही दौड़ना पड़ता है।