नोएडा सेक्टर 16, 18 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की लगातार नोएडा अथॉरिटी अवैध बिल्डिंग के निर्माण कराकर जहां सरकार की किरकिरी करा रही है वहीं मालामाल भी होती जा रही है और इन बिल्डिंगों में फायर के उपकरण तक नहीं है अगर किसी कारणवश बिल्डिंग के बेसमेंट और चार फ्लोर पर आग लग जाती है तो किसी भी कंपनी का कर्मचारी बचने की स्थिति थी में नहीं रहेगा जबकि फायर विभाग के अधिकारियों को भली-भांति जानकारी है और वह जांच के नाम पर मोटी रकम लेकर लीपापोती कर देते हैं।
नोएडा के सेक्टर 16 में कई ऐसी बड़ी बिल्डिंग है जहां पर ना तो सेफ्टी के नाम पर फायर विभाग की ओर से एनओसी है नहीं उपकरण है जहां तक की चार इमारत वाली बिल्डिंग में लिफ्ट तक उपलब्ध नहीं है जिससे सभी नियमों की उल्लंगना हो रही है लेकिन नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी अवैध बिल्डिंग बनवाने में नियमों के अनदेखी करने के बदले लाखों रुपए महीने वसूल रहे हैं जिसके चलते सरकार की छवि जनता के नजरों में धूमल होती नजर आ रही है उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से सख्त निर्देश दिए हुए हैं लेकिन नोएडा अथॉरिटी और नोएडा फायर विभाग के अधिकारियों पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के आदेश भी लागू नहीं हो रहे हैं जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन फायर विभाग को क्या जब कोई बड़ा हादसा होगा तभी फायर विभाग के अधिकारियों की आंखें खुलेगी।
एक नई अनेक बिल्डिंग कर रही है नियमों की आवेला
सेक्टर 16 में एक बिल्डिंग नहीं अनेक ऐसी बिल्डिंग में बनी हुई है जो नियमों की उल्लंगना कर रही है अनदेखी कर रही है जांच के नाम पर कर्मचारी अधिकारी आते हैं और जब गर्म कर कर चले जाते हैं नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों को लोगों की जान की कोई परवाह नहीं है जबकि उन्हें भली-भांति जानकारी है की सेक्टर 16 में ऐसी कई बड़ी इमारतें हैं जो फायर के अलावा लिफ्ट तक नहीं है जो चार मंजिल से लेकर पांच-छह मंजिल त।क बनी हुई है।
आखिर क्यों नहीं होती इन अवैध बिल्डिंगों पर प्रशासनिक कार्रवाई
लखनऊ से संदेश आता है कि अवैध रूप से बिल्डिंग निर्माण पर रोक लगाई जाए सुप्रीम कोर्ट भी नोएडा अथॉरिटी को फटकार लगा चुका है लेकिन इसके बावजूद भी अवैध तरीके से बिल्डिंग बनाई जा रही है दिन में सभी नियमों को तात्पर रखा जा रहा है नोएडा अथॉरिटी की ओर से आंखें बंद की हुई है लेकिन लखनऊ से बार-बार निर्देश दिए जाते रहते हैं लेकिन नोएडा में बैठे अधिकारियों पर लखनऊ के अधिकारियों के आदेश की पालना नहीं हो पा रही है ।