राम मंदिर आंदोलन: सराय में रोक दी थी राम ज्योति यात्रा, रामभक्तों के उग्र होने के मैसेज से मिली थी मंजूरी
बागपत 06 जनवरी 2024| राम मंदिर आंदोलन के अंतर्गत बागपत में 1990 में निकाली गई राम ज्योति यात्रा मेरठ से खेकड़ा आते हुए अमीनगर सराय में पुलिस ने रोक दी थी। इसके बाद रामभक्त जुट गए और उनके उग्र होने का एक मैसेज वायरलैस सेट पर फ्लैश होते ही एसपी ने उसे मंजूरी दे दी, जिसके बाद राम ज्योति यात्रा को पूर्ण किया गया।
पहले मेरठ जिले की तहसील बागपत क्षेत्र में राम ज्योति यात्रा में सैंकड़ों लोग शामिल हुए थे, जिसकी एडवोकेट जगबीर, एडवोकेट नरेंद्रपाल शर्मा, रामकुमार प्रधानाचार्य, विपिन रुहेला समेत अन्य रामभक्तों ने अगुवाई की थी।
एडवोकेट नरेंद्रपाल शर्मा ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के लिए सितंबर 1990 में राम ज्योति यात्रा निकाली गई। बागपत तहसील क्षेत्र में राम ज्योति यात्रा निकालने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई।
राम ज्योति यात्रा मेरठ से अमीनगर सराय पहुंची और फिर खेकड़ा होते हुए बागपत व बड़ौत जाना था। लेकिन अधिकारियों के आदेश पर भारी पुलिसबल पहुंचा और राम ज्योति यात्रा को अमीनगर सराय में ही रोक दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने राम ज्योति यात्रा के आगे जाने की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया।
नरेंद्रपाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने सीओ से वार्ता की तो महसूस हुआ कि सीओ भी यात्रा को रोकना नहीं चाहते है। जिसके बाद उन्होंने सीओ से हंगामा होने और आसपास के गांवों से काफी भीड़ इकट्ठा होने का मैसेज वायरलैस सेट पर करवा दिया। मेसेज फ्लैश होते ही तत्कालीन एसपी व अन्य अधिकारियों के हाथपांव फूल गए और यात्रा को शांतिपूर्ण आगे भेजने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद राम ज्योति यात्रा खेकड़ा, फिर बागपत से होते हुए बड़ौत पहुंची।
राम ज्योति यात्रा का हुआ था भव्य स्वागत
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के पक्ष में सभी जगह राम ज्योति यात्रा निकाली गई थी और उस आंदोलन के लिए रामभक्तों को जोड़ने में यह काफी अहम रही। हर जिला मुख्यालय व कस्बे से राम ज्योति यात्रा निकाली गई और उसका सभी जगह भव्य स्वागत किया गया।