जम्मू कश्मीर: पुंछ में नियंत्रण रेखा पर फिर लगी आग, वन विभाग और सेना के जवान काबू पाने में जुटे.
जम्मू कश्मीर 16 जनवरी 2024| मेंढर में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के जंगलों में मंगलवार को एक बार फिर आग भड़क उठी है। पीओजेके में लगी आग आज तड़के बालाकोट और मेंढर सेक्टर के अग्रिम इलाकों में फैल गई। जम्मू संभाग के जिला पुंछ के उपजिला मेंढर में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के जंगलों में मंगलवार को एक बार फिर आग भड़क उठी है। पीओजेके में लगी आग आज तड़के बालाकोट और मेंढर सेक्टर के अग्रिम इलाकों में फैल गई।
कई किलोमीटर दूर से इलाकों से उठता धुआं दिखाई दे रहा है। साथ ही घुसपैठ की रोकथाम के लिए बनाई गई बारूदी सुरंगों में भी विस्फोट हो रहे हैं। सेना के जवान और वनविभाग के कर्मचारी आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं। पाकिस्तान को घुसपैठ के लिए लगातार विफलता मिल रही है। सरदल पर तैनात जवान हर बार पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम बना रहे हैं। ऐसे में अब आतंकी नियंत्रण रेखा पर आग को भड़का कर घुसपैठ की फिराक में है। इसे देखते हुए सुरक्षाबल पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।
कृष्णा घाटी में तलाशी अभियान जारी
उधर, पुंछ जिले की कृष्णा घाटी समेत आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी है। दराटी में बीते शुक्रवार रात को सैन्य वाहन पर आतंकी हमले किया गया था। उग्रवादियों की तलाश में सेना, पुलिस, एसओजी और सीआरपीएफ के सैकड़ों जवान जुटे हैं। अभियान में सुरक्षाबल आधुनिक हथियारों के साथ मैटल डिटेक्टर और खोजी कुत्तों का भी सहयोग ले रहे हैं।
शुक्रवार रात सैन्य वाहन पर हमले की घटना कहीं न कही सुरक्षा बलों एवं खुफिया एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसके पीछे मुख्यता दो कारण बताए जा रहे हैं। जहां यह घटना पेश आई है वहां से रोमियो फोर्स बटालियन का मुख्यालय मात्र दो किलोमीटर है और मुख्यालय के इतने करीब आतंकियों द्वारा इस प्रकार की घटना को अंजाम देना कहीं न कहीं आतंकियों की बदली हुई रणनीति का संकेत है।
दूसरा आतंकवाद के तीस वर्ष के लम्बे दौर में भी कभी आतंकियों ने इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को अंजाम नहीं दिया था। हालांकि इस क्षेत्र में उस दौर में बड़ी संख्या में आतंकियों के आने-जाने की सूचनाएं मिलती रहती थीं। इसके साथ ही चिंता का विषय यह भी है कि इसी क्षेत्र में करीब डेढ़ महीना पहले एक टाटा सूमो वाहन चालक ने बताया था कि तीन से चार संदिग्ध उसके वाहन में जबरदस्ती सवार हो गए और मेंढर पहुंचाने को कहा था, लेकिन बीच रास्ते में वह वाहन रोक कर उतर गए थे। इसके बाद कई दिनों तक सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में तलाशी अभियान भी चलाया था, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा था।