आबादी वाले इलाकों में अवैध केमिकल प्लांटों से आंखों में जलन और खुजली की शिकायतें.
तावडू 18 फ़रवरी 2024। जिले के थाना रोजका मेव के अंतर्गत ग्राम पंचायत गजरपुर में करीब एक दर्जन अवैध केमिकल प्लांट संचालित है। जिनसे निकलने वाली दुर्गंध से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही पर्यावरण भी दूषित हो रहा है।आबादी क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित केमिकल प्लांटों के मामले को लेकर प्रशासन भी मौन है। ग्रामीणों की मांग है कि अवैध केमिकल प्लांटों पर प्रशासन शिकंजा कसे।
नाम न छापने की शर्त पर पीड़ित ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक गांव में आबादी क्षेत्र में अवैध रूप से करीब 11 केमिकल प्लांट चल रहे हैं। जिनके संचालकों ने प्रशासन से कोई एनओसी नहीं ली गई है। इन केमिकल प्लांटों में कई प्रकार के रसायनयुक्त पदार्थों का मिश्रण किया जाता है। जिसका प्रयोग टाइल्स तैयार करने के होता है। गजरपुर गांव में करीब 600 की जनसंख्या है। आबादी क्षेत्र में अवैध रूप से यह केमिकल प्लांट स्थापित किए गए हैं। केमिकल तैयार करने के दौरान एक विशेष दुर्गंध आती है। जिससे आंखों में जलन और शरीर में खुजली की शिकायत ग्रामीणों ने की है। इसके अलावा ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि इन केमिकल प्लांटों में यूरिया खाद का भी प्रयोग होता है। खाद-बीज विक्रेताओं से महंगे दामों पर यूरिया अवैध रूप से खरीदा जाता है,जबकि बीज विक्रेता किसानों के नाम पर खरीदे गए यूरिया स्टॉक को प्लांट संचालकों बेचते हैं। खास बात यह है कि करीब 5-6 वर्ष से यह अवैध केमिकल प्लांट गांव में चल रहे हैं,लेकिन प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया। ग्रामीणों का दावा है कि प्रशासनिक मिलीभगत से ही अवैध केमिकल प्लांट चल रहे हैं। कुछ प्लांट संचालकों ने दिखावे के तौर पर जीएसटी नंबर जरूर लिया हुआ है,जबकि हकीकत में जांच की जाए तो जीएसटी के नाम पर बिलिंग सबूत नहीं मिलेंगे। ग्रामीणों की प्रशासन से मांग है कि आबादी क्षेत्र में संचालित इन अवैध केमिकल प्लांटों पर शिकंजा कसा जाए।वहीं इस संदर्भ में जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गडा का कहना है कि मामला अभी संज्ञान में आया है। जांच के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।