दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंतरिम जमानत मिलने के 21 दिन बाद 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया। उन्हें छोड़ने के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक आये थे लेकिन जेल के अंदर सिर्फ दो कारों को इजाजत मिली थी। जिसमें अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और उनके दोनों बच्चे थे।
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दरहसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव के दुरान 21 दिन की जमानत 2 जून को पूरी हो गयी। कल यानि 2 जून 2024 को केजरीवाल को ED के सामने पेश होना था। केजरीवाल को छोड़ने के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री, विधायक और नेता गए थे, लेकिन जेल के अंदर सिर्फ दो कारों को ही इज़ाज़त मिली थी। जिसमें अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, और उनके दोनों बच्चे थे। बाकी सभी को जेल के बाहर ही रोक दिया गया था।
आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 10 मई से 2 जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया था। यानि केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना था। हालांकि केजरीवाल इस जमानत अवधि को सात दिन और बढ़ाना चाहते थे, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। जब केजरीवाल जेल के अंदर पहुंचे तो उनके साथ उनका परिवार भी था। उन्हें अंदर छोड़ने के बाद उनकी पत्नी और दोनों बच्चों ने केजरीवाल को बाय बोला और सभी जेल से बाहर निकलकर आ गए।
जेल जाने से पहले केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से कहा की मेरे लिए आम आदमी पार्टी जरूरी नहीं, देश जरूरी है। आपका बेटा दोबारा जेल जा रहा है। अंतिरम जमानत के दुरान मैंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की। इसके आगे केजरीवाल ने कहा की मोदी जी ने भी माना कि केजरीवाल के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल अनुभवी चोर है। चलो एक बार को मान लिया कि मैं अनुभवी चोर हूँ पर अपने बिना किसी सबूत के मुझे जेल में डाल दिया। आपने भारी बहुमत वाली सरकार को जेल में डाल दिया। यही तो तानाशाही है। इसे ही तो कहते है तानाशाही जिसका मन होगा जेल में डाल देंगे। इसी तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं।
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