Odisha vidhansabha news : ओडिशा की 17वीं विधानसभा का पहला सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा। इसी सत्र में 25 जुलाई को मोहन चरण माझी की भाजपा सरकार बजट पेश करेगी। सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। यह सत्र 13 अगस्त तक चलेगा।
Odisha vidhansabha news : ओडिसा मे 17वी विधानसभा का पहला सत्र 22 जुलाई से शुरू होने वाला है। ख़बर की माने तो सत्र की शुरुआत ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास के अभिभाषण से होगी, जिसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
वहीं सेच्दूले के अनुसार 2024-2025 का बजट आने वाली 25 जुलाई को पेश किया जायेगा। ओडिसा विधानसभा की अंतिम केलिन्डर बैठकों का पुरा सेच्दूले 22 जुलाई को राजपाल के अभिभाषण पर धन्याद प्रस्ताव का सुझाव देता है।
जानकारी के मुताबिक, उपाध्यक्ष के चुनाव के संबंध में घोषणा और राजपाल के अभिभाषण पर धनयवाद का प्रस्ताव 23 जुलाई को होगा। इसके साथ ही उपाध्यक्ष का चुनाव 24 जुलाई होगा और 2024 -2025 का बजट 25 जुलाई को पेश किया जायेगा। जिसके बाद बजट पर सामान्य चर्चा 29 जुलाई होगी।
बजट की चर्चा के बाद 30 जुलाई को लेखानुदान प्रस्ताव और इस पर चर्चा होगी। लेखानुदान पर विनियोग विधेयक 31 जुलाई को पेश किया जाएगा। इस बीच, 7 जुलाई को जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा से पहले तैयारियां चल रही हैं। पुरी के जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रथ खींचने के दिन राज्य का दौरा करेंगी।
आपको जान कर ख़ुशी होगी की इस साल की रथ यात्रा बहुत अनोखी है क्युकी तीनों महत्वपूर्ण अनुष्ठान एक ही दिन पड़ रहे हैं। साथ ही, यह चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ विशेषाधिकार की बात भी है।
वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी रथ खींचने के दिन आने वाली हैं। सभी संबंधित विभाग तैयार हैं और हमने कई दौर की अंतर-विभागीय और समन्वय बैठकें की हैं,” पुरी डीएम ने पहले एएनआई को बताया। उन्होंने आगे कहा कि रथ यात्रा के लिए भव्य सड़क के दोनों छोर पर 225 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी स्थापित किया गया था।
उन्होंने आगे कहा की पुलिस बल तैनात है। यात्रा मे आने के लिए कुल 28 पार्किंग एरिया चिन्हित करे गए है। जिसके साथ ही लोगों के लिए पारगमन बिंदुओं पर सार्वजनिक सुविधाओं की भी योजना बनाई जा रही है, ताकि अलग-अलग जिलों और अलग-अलग राज्यों से आने वाले लोगों को अस्थायी विश्राम स्थल मिल सके।
पुरी डीएम ने कहा कि रथ की तैयारियाँ अपने अंतिम चरण में हैं और हमें उम्मीद है कि कुछ दिनों में यह पूरी हो जाएगी। माना जाता है कि रथ यात्रा, जिसे रथ महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, पुरी के जगन्नाथ मंदिर जितना ही पुराना है। इस उत्सव में पवित्र त्रिदेवों की अपनी मौसी, देवी गुंडिचा देवी के मंदिर तक की आगे की यात्रा शामिल है और आठ दिनों के बाद वापसी की यात्रा के साथ इसका समापन होता है। यह उत्सव अक्षय तृतीयायानि अप्रैल के दिन से शुरू होता है और पवित्र त्रिदेवों की श्री मंदिर परिसर में वापसी की यात्रा के साथ इसका समापन होता है।