प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करगिल विजय दिवस पर द्रास में करगिल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस अवसर पर अग्निपथ स्कीम की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने विपक्ष, विशेषकर बिना नाम लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेनाओं को युवा और युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है।
अग्निपथ योजना: सेना के सुधार का नया रास्ता
पीएम मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य से, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया।” उन्होंने डिफेंस सेक्टर में हुए बदलावों की बात करते हुए कहा कि पिछले वर्षों में सेनाओं ने कई साहसिक फैसले लिए हैं, जिनमें अग्निपथ स्कीम एक प्रमुख उदाहरण है।
मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, “कुछ लोगों की मानसिकता ऐसी थी कि सेना का मतलब नेताओं को सलाम करना। हमारे लिए सेना का मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था और सुरक्षा की गारंटी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग सेना के रिफॉर्म पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं। “ये वही लोग हैं जिन्होंने सीमा पर तैनात हमारे जवानों को पर्याप्त बुलेट प्रूफ जैकेट भी नहीं दी थी। वह तो जनता का आशीर्वाद है कि मुझे तीसरी बार सरकार बनाने का मौका मिला,” पीएम ने कहा।
संसद में अग्निपथ योजना पर हंगामा
करगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर संसद में शहीद जवानों को याद किया गया। इसी दौरान, लोकसभा में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने अग्निपथ योजना की आलोचना की। उन्होंने कहा, “आगे बढ़ने वाली एक पेशेवर सेना को सही ट्रेनिंग और पूर्ण कमिशन की जरूरत होती है। अग्निपथ योजना किसी भी तरह से सेना की क्षमता और योग्यता को मजबूत नहीं करती।”
निष्कर्ष
अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेनाओं को अधिक युवा और सक्षम बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना के पीछे की सोच और इसके लाभों पर प्रकाश डाला। विपक्ष के विरोध के बावजूद, यह योजना देश की सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। समय ही बताएगा कि अग्निपथ योजना सेना की क्षमता को किस हद तक बढ़ा सकती है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस पर राजनीति से ऊपर उठकर विचार करना चाहिए।