नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर, पटेल नगर और करोल बाग इलाके में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले दो लाख से अधिक छात्रों की जान संकट में है। हाल ही में हुई घटनाओं ने यहां पढ़ाई करने वाले छात्रों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। बारिश के बाद नॉर्थ कैंपस एरिया में करंट लगने से एक स्टूडेंट की मौत हो गई, जबकि शनिवार को एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की घटना में दो छात्रों की जान चली गई।
यह घटनाएं उन समस्याओं को उजागर करती हैं जो इन रेजीडेंशियल इलाकों में रहने वाले छात्रों को झेलनी पड़ती हैं। स्टूडेंट देविश ने बताया, “हाल ही में बारिश के दौरान करंट लगने से एक स्टूडेंट की मौत हो गई थी, जिससे हम सभी बहुत डर गए थे। अब बेसमेंट में पानी भरने के कारण दो स्टूडेंट्स की मौत ने हमें पूरी तरह से हिला दिया है।”
छात्रों का कहना है कि वे प्रति माह 20 हजार रुपए किराया देते हैं और लाखों रुपए कोचिंग फीस में खर्च करते हैं। बावजूद इसके, उनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। राहुल यादव, जो पिछले पांच वर्षों से यहां तैयारी कर रहे हैं, ने कहा, “हर साल बारिश के मौसम में हमें सड़क पर घुटनों तक पानी से होकर कोचिंग सेंटर तक पहुंचना पड़ता है। यह एक नियम है कि बेसमेंट में कोचिंग नहीं चलानी चाहिए, लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों लाइब्रेरी और कोचिंग सेंटर बेसमेंट में संचालित हो रहे हैं। आज पानी भरने की घटना में मौतें हुई हैं, कल आग की घटनाओं से भी मौतें हो सकती हैं।”
यह घटनाएं न केवल सुरक्षा मानकों की गंभीर कमी को दर्शाती हैं, बल्कि इस मुद्दे की ओर सरकारी और कोचिंग संस्थानों का ध्यान आकर्षित करने की भी आवश्यकता है। छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।