चुनाव में हारे हुए उम्मीदवारों को कांग्रेस टिकट नहीं के मूड में
हरियाणा, महाराष्ट्र को स्वयं देख रहे हैं राहुल गांधी।
नई दिल्ली।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर खुद सक्रिय है और बारी की नजर रखें हुए तथा विधानसभा चुनावों को लेकर राहुल गांधी सर्वे भी कर रहे जिससे विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई जा सके। हरियाणा प्रदेश में गांधी द्वारा कराई जा रही सर्वे के चलते जहां कांग्रेस की टिकट पर विभिन्न विधानसभा क्षेत्र से हारे हुए उम्मीदवारों के चेहरे लटक सकते हैं क्योंकि कांग्रेस राष्ट्रीय नेतृत्व मन बना चुका है जब कैंडिडेट कांग्रेस पार्टी की टिकट पर जनता का विश्वास हो चुके हैं और फिर से टिकट के लाइन में हैं उनको पार्टी की ओर से टिकट नहीं दी जायेगी। कांग्रेस के इस बड़े कदम से उन नेताओं में बेचैनी है जो हारने के टिकट मांग रहे। इतना ही नहीं कांग्रेस की ओर से हरियाणा में तकरीबन सर्वे पूरा हो चुका है और कांग्रेस राष्ट्रीय नेतृत्व को सूची भी जा चुकी है लेकिन देखना यह है की हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान सिंह की टिकटों की सूची में राहुल गांधी के द्वारा कराई गई सर्वे से मिलते हैं या नहीं यह तो टिकट वितरण इस समय ही जानकारी मिलेंगी।
अगर सर्वे की सूची से तालमेल नहीं खाती है हुड्डा की सूची तो संकट
हरियाणा कांग्रेस की तरफ से अगर टिकट मांगने वालों सूची गांधी के सर्वे से नहीं मिलती है तो उस समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह के लिए संकट खड़ा हो जाएंगा और भी अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने में लाचार हो हो जायेंगे। वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान सिंह भी अपने रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिलवा पाए वैसे तो कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीक भाजपा से टिकट ने मिलने वाले भी कई बड़े नेता संपर्क में है और समय पर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव भी लड़ सकते हैं।
हरियाणा में कांग्रेस की लहर नहीं है बल्कि जनता की लहर
भाजपा के साढ़े शो साल के शासन से प्रदेश में जनता खफा है कार्यकर्ताओं से लेकर पंच, सरपंच के व्यापारी, दुकानदार, मजदूर नाराज है और हरियाणा के उस समय के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कार्यकाल में हरियाणा भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ और कुछ नुकसान की भरपाई आज तक नहीं हो जिसका नुकसान भाजपा मुख्यमंत्री बदलने केबाद भी दिखाई दे रहा है। वैसे तो अभी भी प्रदेश में भाजपा में ऐसे बड़े नेता हैं जो अपने दम पर विधानसभा चुनाव जीत है।
राजपूत , जाट ब्राह्मणों ने बनाई थी लोकसभा चुनाव में भाजपा से दूरी
लोकसभा चुनाव में हरियाणा के जाट, राजपूत, ब्राह्मण और व्यापारियों ने भाजपा से दूरी जिसका कारण भाजपा को 5 सीटें गंवानी पड़ी क्योंकि गुर्जर और राजपूतों का आपस में झगड़ा करना ब्राह्मण का अपमान करना भाजपा का नुकसान उठाना पड़ा। अब देखना यह है की विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण, राजपूत, बनिया, व्यापारी और गुर्जर किस और करवट लेते हैं यह तो विधानसभा चुनाव में ही पता लगेगा मगर भाजपा विधानसभा चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा और टिकट न मिलने वाले भाजपा के नेता कांग्रेस की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं।