रोहतक हरयाणा 20 aug- : पीजीआई रोहतक में बीडीएस प्रथम वर्ष की छात्रा प्राची ने अपने वरिष्ठ, पीजी एनाटॉमी के डॉक्टर मनिंदर कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्राची ने आरोप लगाया है कि पिछले सात महीनों से डॉ. कौशिक उन्हें परेशान कर रहे थे, और हाल ही में यह उत्पीड़न हिंसा में बदल गया।
आरोपों की शुरुआत
प्राची ने बताया कि शुरुआत में डॉ. मनिंदर कौशिक के साथ उनकी बातचीत दोस्ताना लग रही थी, लेकिन धीरे-धीरे यह बातचीत भयावह रूप लेने लगी। डॉ. कौशिक ने प्राची पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया, और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो वह हिंसक हो गए।
उत्पीड़न और ब्लैकमेल
पिछले दो महीनों से, प्राची डॉ. कौशिक के उत्पीड़न और ब्लैकमेल का शिकार हो रही थीं। प्राची के अनुसार, डॉ. कौशिक ने उन्हें एनाटॉमी में फेल करने और उनका एडमिट कार्ड रोकने की धमकी दी, ताकि वह उन्हें अपनी शर्तों के अनुसार मिलने के लिए मजबूर कर सकें। प्राची इस डर के साथ जी रही थीं कि अगर वह उनकी मांगें पूरी नहीं करतीं, तो उनका करियर दांव पर लग सकता है।
16 अगस्त की रात
घटना की गंभीरता तब बढ़ गई जब 16 अगस्त की रात को डॉ. कौशिक ने प्राची को कॉलेज की लाइब्रेरी के बाहर बुलाया। उन्होंने वादा किया कि वह उन्हें परेशान करना बंद कर देंगे और उनका एडमिट कार्ड वापस कर देंगे। लेकिन जब प्राची वहाँ पहुँचीं, तो डॉ. कौशिक ने उन्हें जबरदस्ती अपनी कार में बिठा लिया, उन पर हिंसक हमला किया, और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले गए।
12 घंटे का आतंक
प्राची ने बताया कि 16 अगस्त की रात 11 बजे से लेकर 17 अगस्त की दोपहर 1 बजे तक, लगभग 12 घंटे तक, उन्हें शारीरिक और मानसिक शोषण का सामना करना पड़ा। डॉ. कौशिक ने उन्हें बेरहमी से पीटा, मुक्के मारे, और चाकू से प्रताड़ित किया। इस हिंसा के कारण प्राची के चेहरे सहित पूरे शरीर पर गहरे निशान पड़ गए। अंत में, डॉ. कौशिक ने प्राची को कैंपस में वापस छोड़ दिया, जहाँ उन्होंने तुरंत अपने माता-पिता को बुलाया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
न्याय की मांग
प्राची ने अपनी आपबीती को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने साथ हुए अन्याय के लिए न्याय की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि कैसे किसी व्यक्ति को, जो मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के योग्य नहीं है, इस पद पर रहने की अनुमति दी जा सकती है।
प्राची का यह बयान एक गंभीर मुद्दा उजागर करता है, जिसमें किसी वरिष्ठ डॉक्टर के हाथों छात्रा का शोषण और उसे न्याय न मिलने का मामला सामने आया है। प्राची ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनके साथ जो कुछ हुआ, वह किसी और के साथ न हो, और उन्होंने अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्राची द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद भी, अभी तक डॉ. मनिंदर कौशिक के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। प्राची के परिवार ने भी पुलिस और कॉलेज प्रशासन से न्याय की मांग की है। इस मामले में न्याय की प्रतीक्षा करते हुए, प्राची ने उम्मीद जताई है कि उनके साथ हुए इस अत्याचार का अंत होगा और दोषियों को उनके कृत्य के लिए दंडित किया जाएगा।
इस घटना ने न केवल प्राची, बल्कि पूरे शैक्षणिक समुदाय को हिला कर रख दिया है, और इस मामले में कार्रवाई की माँग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।