राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी का मुद्दा प्रमुखता से उभरा।
नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के टिकट वितरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हलचल तेज हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और हरियाणा कोर कमेटी के बीच दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी का मुद्दा प्रमुखता से उभरा। इस बैठक में राव इंद्रजीत सिंह के कांग्रेस में जाने की अटकलें भी जोर पकड़ रही हैं, जिससे प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।
भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सह-प्रभारी विप्लव देव और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण पर चर्चा करना था। बैठक करीब 7 घंटे तक चली, लेकिन देर शाम तक कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई।
सूत्रों के अनुसार, राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा की 11 विधानसभा सीटों पर अपने समर्थकों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने फिलहाल उन्हें केवल कोसली और नारनौल सीटें देने का प्रस्ताव दिया है। राव की मांगें गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, पटौदी, बावल, नगर चौधरी और नूंह मेवात जैसी प्रमुख सीटों पर केंद्रित हैं, जो उनके प्रभाव वाले क्षेत्र माने जाते हैं।
राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी और कांग्रेस में जाने की अटकलें
बैठक के दौरान राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी कई बार सामने आई। उन्होंने खुलकर कहा कि भाजपा के 2019 के चुनावों में भी उन्हें नजरअंदाज किया गया था, और अब 2024 के चुनावों में भी उन्हें केवल आश्वासन दिया जा रहा है। राव का दक्षिणी हरियाणा में गहरा प्रभाव माना जाता है, और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो भाजपा को इन क्षेत्रों में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
इसी बीच, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, राव इंद्रजीत सिंह को कांग्रेस की ओर से निमंत्रण मिल रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें दक्षिणी हरियाणा से जितनी भी सीटें चाहिए, देने को तैयार है। हालांकि, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ सीटों पर कुछ शर्तें हो सकती हैं। भाजपा की बैठक में राव ने अपनी बेटी आरती राव के बारे में भी स्पष्ट कर दिया कि वे स्वयं तय करेंगी कि उन्हें कहां से चुनाव लड़ना है।
भाजपा में अंतर्विरोध बढ़ता हुआ
भाजपा की इस बैठक में राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनकी टीम ने कई प्रयास किए, लेकिन राव अपनी मांगों पर अड़े रहे। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो भाजपा के लिए यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है।
हरियाणा में भाजपा के टिकट वितरण को लेकर चल रही इस खींचतान से पार्टी के भीतर अंतर्विरोध बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी और कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों ने प्रदेश की राजनीति को और भी पेचीदा बना दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भाजपा नेतृत्व इस चुनौती का सामना कैसे करता है और क्या राव इंद्रजीत सिंह को मनाने में सफल होता है या नहीं।