
केंद्रीय कोर कमेटी में भी खट्टर की बात को तवज्जो दी जा रही है, जिससे उनका दबदबा और बढ़ गया है।
दिल्ली , हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, और इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का प्रभाव टिकट बंटवारे में साफ नजर आ रहा है। मनोहर लाल खट्टर, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं, इस बार हरियाणा विधानसभा के टिकट बंटवारे में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
खट्टर के समर्थन में केंद्रीय नेता
मनोहर लाल खट्टर के साथ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, हरियाणा के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी सतीश पूनिया सहित भाजपा की टिकट वितरण समिति के कई बड़े चेहरे खड़े हैं। यही नहीं, केंद्रीय कोर कमेटी में भी खट्टर की बात को तवज्जो दी जा रही है, जिससे उनका दबदबा और बढ़ गया है।
अब भी राज्य की राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं
खट्टर ने अपने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी हरियाणा में अपनी राजनीतिक पकड़ बनाए रखी है। वे अब भी राज्य की राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं, और विधानसभा टिकटों के वितरण में उनका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
टिकट बंटवारे में खट्टर का प्रभाव
खट्टर के प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, बादशाहपुर, और पटौदी जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में टिकट वितरण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। जबकि राव इंद्रजीत सिंह भी प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाते हैं, लेकिन खट्टर की राजनीतिक सूझबूझ और पार्टी में उनकी मजबूत स्थिति ने उन्हें इस दौड़ में आगे कर दिया है।
राव इंद्रजीत सिंह की चुनौतियां
राव इंद्रजीत सिंह, जो खुद को प्रधानमंत्री मोदी के नजदीक बताते हैं, इस बार खट्टर के मुकाबले थोड़ा कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। हरियाणा में टिकट बंटवारे को लेकर खट्टर की मजबूत पकड़ के चलते, राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों को टिकट दिलवाने की संभावना कमजोर होती दिख रही है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की अंतिम सूची में कितने राव समर्थकों को टिकट मिलता है, और यह भी कि राव इंद्रजीत सिंह अपनी रणनीति से इस चुनौती का सामना कैसे करेंगे।
निष्कर्ष
हरियाणा विधानसभा चुनावों के टिकट वितरण में मनोहर लाल खट्टर का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। खट्टर न केवल राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं, बल्कि केंद्र में भी उनकी भूमिका अहम बनी हुई है। राव इंद्रजीत सिंह के सामने इस बार खट्टर का कद और राजनीतिक सूझबूझ एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है।
आगामी दिनों में भाजपा की टिकट सूची से ही स्पष्ट हो पाएगा कि खट्टर और राव के बीच इस राजनीतिक संघर्ष का अंतिम परिणाम क्या होगा, और कौन हरियाणा की राजनीति में अपने समर्थकों को आगे बढ़ाने में सफल होता है।