
भाजपा के भीतर और बाहर दोनों जगह अस्थिर नजर आ रही है
गुरुग्राम। हरियाणा के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राव नरवीर सिंह इन दिनों कई राजनीतिक विवादों और आरोपों के घेरे में हैं। उनकी स्थिति भाजपा के भीतर और बाहर दोनों जगह अस्थिर नजर आ रही है, और अब उनकी राजनीति में संभावित बदलाव की अटकलें भी तेज हो गई हैं।
ईडी की निगरानी और विजिलेंस की जांच
राव नरवीर सिंह पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की निगरानी की खबरें सामने आ रही हैं। ईडी और विजिलेंस के सूत्रों के अनुसार, राव नरवीर सिंह की आंतरिक दस्तावेजों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की जा रही है। यह जांच राव के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों को लेकर की जा रही है।
भाजपा में असंतोष और विवाद
भाजपा के वरिष्ठ नेता राव नरवीर सिंह ने हाल ही में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं। उनका कहना है कि भाजपा के बड़े नेताओं ने उनकी टिकट काटने के लिए षड्यंत्र रचा है और पार्टी की सरकार में भ्रष्टाचार की स्थिति है। उनकी इन टिप्पणियों से भाजपा में हलचल मच गई है और उनकी पार्टी के प्रति नाराजगी स्पष्ट रूप से सामने आ रही है।
भाजपा के भीतर राव नरवीर सिंह के खिलाफ कई साजिशों की खबरें भी सामने आई हैं। विशेषकर, गुरुग्राम के भाजपा नेताओं और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बीच उनके खिलाफ राजनीतिक रणनीतियाँ बनाई जा रही हैं। इससे राव नरवीर सिंह की भाजपा में स्थिति और भी कमजोर होती नजर आ रही है।
कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें
राव नरवीर सिंह के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेजी से बढ़ रही हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक राव दान सिंह ने उन्हें कांग्रेस में शामिल कराने का प्रयास किया है। इसके अलावा, राव नरवीर सिंह की हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ निकटता भी इस अटकल को बल प्रदान कर रही है।
भविष्य की दिशा
राव नरवीर सिंह की वर्तमान स्थिति भाजपा में अस्थिरता और विवाद का प्रतीक है। उनकी भाजपा से असंतोषजनक टिप्पणियां और ईडी की जांच उनके भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर रही हैं। अगर राव नरवीर सिंह कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो यह उनकी राजनीतिक दिशा को पूरी तरह से बदल सकता है।
आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि राव नरवीर सिंह की राजनीतिक यात्रा किस दिशा में जाएगी। क्या वे भाजपा में अपनी स्थिति को सुधारने में सफल होंगे या कांग्रेस में शामिल होकर नई राजनीतिक रणनीति अपनाएंगे, यह समय ही बताएगा।