हरियाणा के महेंद्रगढ़ का एक दिलचस्प मामला सामने आया है

महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से जुड़ा एक बेहद रोचक मामला सामने आया है। भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, जो इस सीट से टिकट पाने के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, अपनी राजनीतिक ताकत और दबदबा दिखा रहे थे। इसी बीच कैलाश चंद्र पाली नामक व्यक्ति ने सबको चौंकाते हुए भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। खास बात यह है कि भाजपा ने अब तक इस सीट पर अपने आधिकारिक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन कैलाश चंद्र पाली ने अपने नामांकन पत्र में खुद को भाजपा का प्रत्याशी बताया है।
कैलाश चंद्र पाली, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं और महेंद्रगढ़ के पास स्थित पाली गांव के निवासी हैं, ने शुक्रवार को महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरा। उनके द्वारा जमा किए गए नामांकन पत्र और हलफनामे में उन्होंने भाजपा का उल्लेख किया है और स्वयं को भाजपा का प्रत्याशी घोषित किया है। हालांकि, अभी तक पार्टी की ओर से महेंद्रगढ़ सीट पर उम्मीदवार के नाम को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, और इस सीट को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है।
इस घटनाक्रम ने भाजपा के भीतर हलचल मचा दी है, क्योंकि रामबिलास शर्मा जैसे दिग्गज नेता इस सीट से टिकट के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं और उनका दावा मजबूत माना जा रहा था। शर्मा, जो लंबे समय से पार्टी के प्रमुख नेताओं में शुमार हैं, महेंद्रगढ़ क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाए हुए हैं। लेकिन कैलाश चंद्र पाली के नामांकन भरने से राजनीतिक समीकरण अचानक बदल गए हैं। इससे न केवल भाजपा के भीतर एक अजीब स्थिति उत्पन्न हुई है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि आखिरकार पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा।
इस पूरी स्थिति में रामबिलास शर्मा का रुख भी दिलचस्प है, क्योंकि वे लगातार टिकट के लिए पार्टी में अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। कैलाश चंद्र पाली के नामांकन से उनकी राजनीतिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि भाजपा इस विवादित स्थिति को कैसे सुलझाती है और महेंद्रगढ़ सीट पर किसे अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित करती है।
महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में यह घटनाक्रम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इस सीट से जुड़े राजनीतिक समीकरण काफी पेचीदा होते जा रहे हैं। पार्टी के फैसले पर न सिर्फ स्थानीय बल्कि राज्यस्तरीय राजनीति पर भी गहरा असर पड़ेगा।
4o