पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की नीतियों के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने आज से चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन शुरू किया है। SAD का यह आंदोलन पंजाब सरकार पर जनविरोधी नीतियों और विफलताओं का आरोप लगाते हुए हो रहा है। अकाली दल ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों, व्यापारियों, और आम जनता की समस्याओं का समाधान करने में नाकाम रही है, और इन मुद्दों को लेकर यह विरोध जरूरी हो गया है।
SAD के विरोध प्रदर्शन के प्रमुख मुद्दों में किसानों की समस्याएं, फसलों के उचित मूल्य न मिलना, बेरोजगारी, और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था शामिल हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि पंजाब की मौजूदा सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने में पूरी तरह से असफल रही है, जिससे किसान, छोटे व्यापारी और युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार सिर्फ वादों और घोषणाओं तक सीमित रह गई है, जबकि जमीनी स्तर पर कुछ भी ठोस काम नहीं हो रहा है। पार्टी ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार, विकास कार्यों की उपेक्षा और जनकल्याण योजनाओं को लागू करने में विफलता का आरोप भी लगाया है।अकाली दल का धरना चंडीगढ़ में पंजाब सचिवालय के बाहर शुरू हो चुका है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। इस प्रदर्शन का नेतृत्व शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल कर रहे हैं। धरने के दौरान सरकार की नीतियों के खिलाफ कई अन्य जनसभाएं और विरोध मार्च भी आयोजित किए जाएंगे। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करती।
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने अकाली दल के इस विरोध प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बताया है। AAP के नेताओं का कहना है कि SAD ने अपनी सरकार के दौरान पंजाब को बदहाल स्थिति में पहुंचाया, और अब जब राज्य में सुधार हो रहे हैं, तो वे सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए धरने का सहारा ले रहे हैं।
SAD का यह धरना पंजाब की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, क्योंकि राज्य में पहले से ही किसान आंदोलन और बेरोजगारी जैसे मुद्दे गर्म हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विरोध प्रदर्शन का आम जनता और सरकार पर क्या असर पड़ता है और क्या यह राज्य में कोई बड़ा राजनीतिक बदलाव ला पाएगा।