
संतोष यादव जिनकी टिकट कटवाने में राव इंद्रजीत का हाथ बताया जाता है
महेंद्रगढ़, हरियाणा। हरियाणा विधानसभा चुनावों का माहौल गरमा रहा है, और अटेली विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला और भी रोचक हो गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, यह चुनाव उनके लिए आसान नहीं होने जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस की दो बार की विधायक अनीता यादव और संतोष यादव मैदान में हैं, जो पहले राव इंद्रजीत की राजनीति विरोधी रही हैं।
अनीता यादव और संतोष यादव की चुनौती
अनीता यादव, जिन्होंने कांग्रेस की तरफ से दो बार अटेली से विधायक का पद संभाला है, इस बार भी कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। वहीं, संतोष यादव, जिनकी टिकट कटवाने में राव इंद्रजीत का हाथ बताया जाता है, अब आरती राव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं। सूत्रों की माने तो यह भी संभावना है कि अनीता यादव और संतोष यादव एकजुट होकर आरती राव के खिलाफ मोर्चा खोल सकती हैं, जिससे आरती राव के लिए विधानसभा पहुंचना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
जाट समाज और भाजपा के खिलाफ विरोध
अटेली में चुनावी समीकरणों में जातीय राजनीति की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। जाट समाज, जो हरियाणा में एक बड़ा वोट बैंक है, इस बार भाजपा के खिलाफ माना जा रहा है। यही नहीं, राजपूत और ब्राह्मण समाज भी भाजपा से नाराज दिखाई दे रहे हैं, जिससे आरती राव को चुनावी नुकसान हो सकता है।
राव इंद्रजीत की रणनीति
राव इंद्रजीत सिंह, जो दक्षिणी हरियाणा की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा हैं, अपनी बेटी आरती की जीत के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं। खबरें हैं कि उन्होंने कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं से भी संपर्क साधा है ताकि जाट वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके। हालांकि, यह रणनीति कितनी सफल होगी, यह देखना बाकी है।
भाजपा के खिलाफ नारा: “अबकी बार आरती राव भार करनी है”
अटेली विधानसभा क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी पूरी तरह सक्रिय हैं और उनके खिलाफ एक नारा भी चलाया जा रहा है, “अबकी बार अटेली से आरती राव भार करनी है।” यह नारा दक्षिणी हरियाणा में तेजी से फैल रहा है, और स्थानीय नेता राव पर टिकट वितरण में मनमानी का आरोप लगा रहे हैं।
भाजपा नेतृत्व और राव का भविष्य
सूत्रों के अनुसार, राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट वितरण के दौरान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से अपने अनुसार फैसले करवाए। यदि दक्षिणी हरियाणा में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहता है और चुनाव परिणामों में भाजपा को बड़ा नुकसान होता है, तो यह केंद्रीय नेतृत्व के लिए राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई का एक मौका हो सकता है।