
जम्मू और कश्मीर चुनाव पर विशेषज्ञ एजाज रसूल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि “किसी भी पार्टी के घोषणापत्र में पर्यावरण का जिक्र तक नहीं है,” जो इस मुद्दे की उपेक्षा को दर्शाता है।
पर्यावरण की अनदेखी: उन्होंने चिंता व्यक्त की कि राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में पर्यावरण के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। उनका मानना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
चुनावी घोषणापत्र की सीमाएं: रसूल ने कहा कि चुनावी घोषणापत्र अक्सर तत्काल और लोकप्रिय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और दीर्घकालिक समस्याओं जैसे पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देते। इससे पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में गंभीर प्रयासों की कमी हो सकती है।
पर्यावरणीय चुनौतियाँ: उन्होंने क्षेत्रीय पर्यावरणीय चुनौतियों की ओर इशारा किया, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, वन कटाई, और प्रदूषण, जो जम्मू और कश्मीर में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। इन समस्याओं को सही तरीके से संबोधित किए बिना, राज्य का दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता।
राजनीतिक जागरूकता की कमी: एजाज रसूल ने बताया कि राजनीतिक दलों की ओर से पर्यावरण के मुद्दों पर ध्यान नहीं देना, उनके समग्र चुनावी दृष्टिकोण की कमी को दर्शाता है। इससे चुनावी घोषणापत्रों की वास्तविकता और उनका प्रभाव भी प्रश्नों के घेरे में आता है।यह टिप्पणी जम्मू और कश्मीर में आगामी चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकती है कि राजनीतिक दलों को अपने घोषणापत्रों में पर्यावरणीय मुद्दों को अधिक प्राथमिकता देने की जरूरत है।