अपने आपराधिक रिकॉर्ड को जनता के सामने प्रस्तुत करना होगा।
चंडीगढ़: आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत अपने आपराधिक रिकॉर्ड को जनता के सामने प्रस्तुत करना होगा। यह कदम चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
भारत चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश
भारत चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड को अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक करना होगा। अगर कोई उम्मीदवार ऐसा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह आदेश चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाने और मतदाताओं को सही जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
उम्मीदवारों को अपने नॉमिनेशन के साथ-साथ एक एफिडेविट भी जमा करना होता है
हरियाणा लोक संपर्क विभाग के अनुसार, उम्मीदवारों को अपने नॉमिनेशन के साथ-साथ एक एफिडेविट भी जमा करना होता है, जिसमें अदालत में चल रहे मामलों की जानकारी शामिल होती है। यह एफिडेविट प्रशासन, सरकार, और विधानसभा क्षेत्र की जनता को उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में सूचित करता है।
हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में कई चुनावी उम्मीदवारों के खिलाफ विभिन्न मुकदमे दर्ज हैं।
गुरुग्राम और हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में कई चुनावी उम्मीदवारों के खिलाफ विभिन्न मुकदमे दर्ज हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन से उम्मीदवार और दल अपनी सच्चाई को अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के सामने रखते हैं।
आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने की यह प्रक्रिया चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करेगी
इस पहल से चुनावी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी और मतदाता सही और सूचित निर्णय ले सकेंगे। उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने की यह प्रक्रिया चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करेगी और जनता के विश्वास को बढ़ाएगी।
प्रमुख बिंदु:
- उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा।
- एफिडेविट के माध्यम से अदालत में चल रहे मामलों की जानकारी देना आवश्यक है।
- चुनाव आयोग द्वारा निर्देशों की अनदेखी करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- जनता को सही जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है।