यह फैसला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सिफारिश पर
महेंद्रगढ़, हरियाणा। हरियाणा विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा के टिकट वितरण ने महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सियासी हलचल मचा दी है। इस बार भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मंत्री पंडित रामविलास शर्मा की जगह कुंवर सिंह यादव को टिकट देकर ब्राह्मण समाज को नाराज कर दिया है। माना जा रहा है कि यह फैसला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सिफारिश पर लिया गया, जिससे पार्टी के अंदरूनी समीकरण बदल गए हैं।
रामविलास शर्मा: ब्राह्मण समाज के बड़े नेता
पंडित रामविलास शर्मा हरियाणा की राजनीति में एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा रहे हैं। उनके पास न केवल महेंद्रगढ़ बल्कि पूरे राज्य में ब्राह्मण समुदाय का समर्थन है। शर्मा ने भाजपा को कई चुनावी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन इस बार उनका टिकट काटकर कुंवर सिंह यादव को मौका देना, ब्राह्मण समाज के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है।
ब्राह्मण समाज में नाराजगी
भाजपा के इस कदम से महेंद्रगढ़ के ब्राह्मण समाज में भारी नाराजगी है। उनका मानना है कि रामविलास शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता को दरकिनार करना पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ब्राह्मण समाज ने हमेशा भाजपा का समर्थन किया है, लेकिन इस बार शर्मा की टिकट कटने से उनका मोहभंग हो रहा है। स्थानीय स्तर पर ब्राह्मण समुदाय के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का विरोध किया है और कुछ ने पार्टी से दूरी बनाने की भी चेतावनी दी है।
कुंवर सिंह यादव को टिकट मिलने पर विवाद
कुंवर सिंह यादव को महेंद्रगढ़ से टिकट देकर भाजपा ने यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश की है, लेकिन इस कदम से पार्टी को ब्राह्मण समाज का गुस्सा झेलना पड़ सकता है। रामविलास शर्मा के समर्थकों का मानना है कि यह निर्णय पार्टी की विचारधारा और वरिष्ठता का अपमान है।
मनोहर लाल खट्टर और राव इंद्रजीत सिंह पर आरोप
सूत्रों के अनुसार, यह फैसला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सिफारिश पर और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मिलकर रामविलास शर्मा की टिकट कटवाने में भूमिका निभाई। चुनावी समीकरणों को साधने के लिए यह कदम उठाया गया, लेकिन इससे पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ गया है।
राव इंद्रजीत सिंह, जो दक्षिणी हरियाणा में प्रभाव रखते हैं, अब ब्राह्मण समुदाय का समर्थन पाने के लिए पंडित रामविलास शर्मा के साथ दिखावे के तौर पर मेलजोल बढ़ाते नजर आ रहे हैं। लेकिन इस कदम से ब्राह्मण समाज संतुष्ट नहीं है, और उन्हें लग रहा है कि उनके नेता को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।
चुनावी नतीजों पर असर
महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में इस टिकट विवाद का असर चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है। रामविलास शर्मा के कट्टर समर्थक और ब्राह्मण समाज का बड़ा हिस्सा भाजपा के इस फैसले से नाराज है, और यदि यह नाराजगी वोटिंग में तब्दील हुई, तो भाजपा को इस सीट पर बड़ा नुकसान हो सकता है। वहीं, कुंवर सिंह यादव को टिकट मिलने से यादव समाज का समर्थन मिलने की उम्मीद है, लेकिन ब्राह्मण समाज की नाराजगी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।
यह नाराजगी चुनावी नतीजों में भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी।
महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा का यह निर्णय पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है। रामविलास शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता को टिकट से वंचित करना और ब्राह्मण समाज की नाराजगी को नजरअंदाज करना, भाजपा के चुनावी प्रदर्शन पर असर डाल सकता है। अब देखना यह है कि क्या पार्टी इस असंतोष को संभाल पाती है या यह नाराजगी चुनावी नतीजों में भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी।