इस बार का विधानसभा चुनाव तीन खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में डोडा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में तीन प्रमुख खानदानों और वहां के नौजवानों के बीच एक प्रमुख मुकाबला होगा। पीएम मोदी ने इस बयान के जरिए राज्य की राजनीति में खानदानी वर्चस्व की आलोचना की और नौजवानों को सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में तीन प्रमुख राजनीतिक परिवारों का नाम लिया और कहा कि ये परिवार राज्य की राजनीति में एक लंबा वक्त से वर्चस्व बनाए हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन परिवारों ने राज्य के विकास की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए और सिर्फ अपनी राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वार्थपूर्ति के लिए राजनीति कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने राज्य के नौजवानों को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने और बदलाव की दिशा में काम करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवा अब बदलाव की आवश्यकता को समझ रहे हैं और उन्हें अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनना होगा। मोदी ने युवा शक्ति को राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर के विकास और समृद्धि के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़े सुधारों की योजना बना रही है, जो राज्य के विकास को गति देंगे और लोगों के जीवन स्तर में सुधार करेंगे।
विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान राज्य की वास्तविक समस्याओं को नजरअंदाज करने का प्रयास है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अपनी सरकार की नाकामियों को छुपाने के लिए राजनीतिक दांव-पेंच का सहारा ले रहे हैं और राज्य की समस्याओं को हल करने के बजाय व्यक्तिगत हमलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच, इस बयान ने राज्य की राजनीति में और भी तीव्रता ला दी है। चुनावी माहौल में इस तरह के बयान और आरोप-प्रत्यारोप आम होते हैं, लेकिन यह देखने की बात होगी कि चुनाव परिणाम किस दिशा में जाते हैं और राज्य के विकास के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाते हैं।