
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन का ऑफर मिला था, जिसे उन्होंने मना कर दिया। गडकरी ने कहा कि एक प्रमुख नेता ने उनसे प्रधानमंत्री बनने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, क्योंकि पीएम बनना उनका लक्ष्य नहीं है।
गडकरी ने स्पष्ट किया कि वे राजनीति को सेवा का माध्यम मानते हैं और उनका उद्देश्य देश और समाज की बेहतरी के लिए काम करना है, न कि किसी पद को पाने की लालसा रखना। उन्होंने कहा कि वह पार्टी और सरकार के किसी भी अन्य कार्य में योगदान देना पसंद करते हैं, जिसमें वे देश के विकास के लिए काम कर सकें।
गडकरी ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने और तेजी से विकास करने के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़क निर्माण के क्षेत्र में अपने काम की चर्चा करते हुए कहा कि यह उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
गडकरी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कई विशेषज्ञ इसे भाजपा के भीतर शक्ति संतुलन से जोड़कर देख रहे हैं, हालांकि गडकरी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उनका यह बयान तब आया है जब 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कई नेताओं के संभावित भविष्य को लेकर चर्चाएं चल रही हैं।
गडकरी ने अपने स्पष्ट रुख से यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनका ध्यान राजनीति में किसी पद को हासिल करने से ज्यादा देश के विकास पर केंद्रित है।