लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल पर एक बड़ा हमला किया है जिसमें 1300 से ज्यादा ड्रोन और रॉकेट दागे गए हैं। इस हमले ने इजरायल में व्यापक नुकसान और कई क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है।
हिजबुल्लाह ने अपने हमले में विभिन्न प्रकार के ड्रोन और रॉकेटों का उपयोग किया, जिससे इजरायल के कई सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया। हमला विशेष रूप से उत्तरी इजरायल में हुआ, जहां कई शहरों और सैन्य बेसों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इजरायली सेना और रक्षा बलों ने हमलों का प्रतिरोध किया और कई रॉकेटों को इंटरसेप्ट करने में सफलता प्राप्त की, लेकिन कई रॉकेटों ने अपने लक्ष्य को भेद लिया।
इजरायल ने हिजबुल्लाह के इस हमले का जवाब देने के लिए अपनी पूरी सैन्य शक्ति का उपयोग किया है। इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की है और हिजबुल्लाह की क्षमता को कम करने के लिए हवाई हमले किए हैं। सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की है और शांति की बहाली के लिए दोनों पक्षों से संयम बनाए रखने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियों ने इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत की सिफारिश की है और दोनों पक्षों से हिंसा को तुरंत समाप्त करने का अनुरोध किया है।
यह हमला इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को और बढ़ा देता है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव को और भी बढ़ा दिया है और क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले के परिणामस्वरूप क्षेत्रीय संघर्ष और हिंसा की संभावना बढ़ गई है। कई लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि इस संघर्ष में और भी वृद्धि हो सकती है, जिससे नागरिकों और सैन्य बलों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच इस नए संघर्ष ने एक बार फिर से मध्य पूर्व की जटिल और खतरनाक स्थिति को उजागर किया है, और इसके संभावित प्रभावों पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है।
