हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने करीब 7 घंटे तक लंबी पूछताछ की। यह पूछताछ एक भूमि आवंटन से जुड़े कथित घोटाले के संबंध में की गई, जिसमें हुड्डा पर नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
मामला क्या है?
यह मामला हरियाणा में हुड्डा के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान जमीनों के आवंटन और उनकी कीमतों में कथित गड़बड़ी से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान नियमों का उल्लंघन करते हुए कई महत्वपूर्ण जमीनें गलत तरीके से कुछ चुनिंदा लोगों या कंपनियों को आवंटित की थीं। इन जमीनों की कीमतें बाजार दर से काफी कम बताई गई थीं, जिससे सरकार को बड़ा नुकसान हुआ और कई लोगों को अवैध लाभ मिला।
ED की पूछताछ के मुख्य बिंदु
ED ने हुड्डा से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और सरकारी नीतियों के आधार पर सवाल किए। पूछताछ का केंद्र बिंदु यह था कि कैसे और किस आधार पर भूमि आवंटन के फैसले लिए गए। अधिकारियों ने उनसे उनके कार्यकाल में हुए भूमि सौदों से जुड़े निर्णयों पर स्पष्टीकरण मांगा और यह जानने की कोशिश की कि क्या इन सौदों में किसी प्रकार का अनियमितता या व्यक्तिगत लाभ उठाया गया था।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पक्ष
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में लिए गए सभी निर्णय पूरी तरह से कानून और नियमों के अनुसार थे, और उन्होंने कभी भी अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया। हुड्डा का कहना है कि यह जांच राजनीतिक दबाव के तहत की जा रही है ताकि उन्हें और उनकी पार्टी को आगामी चुनावों में नुकसान पहुंचाया जा सके।
राजनीतिक माहौल पर असर
यह पूछताछ हरियाणा की राजनीति में गर्मी बढ़ा रही है, क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और राज्य में उनके पास बड़ा जनाधार है। इस पूछताछ के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस पार्टी ने भी इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है और हुड्डा के खिलाफ चल रही जांच को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का नाम दिया है।
आगे की कार्रवाई
इस मामले में ED की जांच अभी भी जारी है, और भविष्य में हुड्डा से और पूछताछ की जा सकती है। जांच एजेंसी भूमि घोटाले से जुड़े सभी दस्तावेजों और साक्ष्यों की गहराई से जांच कर रही है। हालांकि, हुड्डा ने कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे और कानूनी तरीके से अपनी बेगुनाही साबित करेंगे।
इस घटना ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को अस्थिर कर दिया है, और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।