लगभग 25 लाख 50 हजार रुपए की ठगी
गुरुग्राम, 17 सितंबर 2024 – गुरुग्राम पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के मामले में ICICI बैंक के डिप्टी मैनेजर को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी ने बैंकिंग क्षेत्र में एक गंभीर सुरक्षा चूक को उजागर किया है, जहां बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है।
साइबर ठगी का मामला
29 फरवरी 2024 को थाना साइबर मानेसर में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर एक ऐप के माध्यम से आकर्षक रिटर्न का वादा किया गया था। इसके तहत उससे लगभग 25 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की गई थी। इस शिकायत के आधार पर थाना साइबर मानेसर में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
प्रियांशु दीवान, सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध, गुरुग्राम के निर्देशानुसार, निरीक्षक सुनील कुमार और उनकी टीम ने मामले की जांच शुरू की। 16 सितंबर 2024 को पुलिस ने एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान आकाशदीप सिंह के रूप में हुई, जो कि पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव जसडान मंडी गोविंदगढ़ का निवासी है।
जांच में पता चला कि ठगी गई राशि में से 25 लाख रुपए आरोपी देवेंद्र सिंह के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। देवेंद्र सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी आकाशदीप सिंह और हरप्रीत सिंह, जो ICICI बैंक में कर्मचारी थे, ने देवेंद्र का बैंक खाता ठगों को उपलब्ध कराया था। इसके बदले में हरप्रीत को 20 हजार रुपए और आकाशदीप को 10 हजार रुपए मिले थे। आकाशदीप सिंह ICICI बैंक में 2022 से डिप्टी मैनेजर के पद पर तैनात थे।
आगामी कार्रवाई
आरोपी आकाशदीप सिंह को पुलिस हिरासत में लिया जाएगा और न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि मामले की आगे की जांच जारी है और अभियोग में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह गिरफ्तारी यह संकेत करती है कि साइबर ठगी के मामलों में बैंकिंग कर्मचारियों की संलिप्तता के मुद्दे पर गहरी जांच की आवश्यकता है।
साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है
ICICI बैंक के डिप्टी मैनेजर की गिरफ्तारी ने साइबर ठगी के मामलों में बैंकिंग क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। गुरुग्राम पुलिस की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और ऐसे मामलों में बैंक कर्मचारियों की भूमिका पर नजर रखी जाएगी। इस मामले की आगे की जांच के साथ-साथ अन्य संभावित आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।