वैष्णो देवी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना को लेकर हाईकोर्ट में जल्द ही सुनवाई होने जा रही है। इस घटना में कई श्रद्धालु घायल हुए थे और कुछ की मौत भी हो गई थी, जिसके बाद इस मामले को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं ने हादसे के लिए प्रशासनिक लापरवाही और भीड़ प्रबंधन की कमजोरियों को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रमुख बिंदु:
- भगदड़ की पृष्ठभूमि: यह भगदड़ वैष्णो देवी मंदिर में उस समय हुई जब भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए जुटे थे। भीड़ अधिक होने के कारण स्थिति बिगड़ गई और भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग घायल हो गए और कुछ की मौत भी हो गई।
- याचिकाओं में आरोप: याचिकाकर्ताओं ने प्रशासन और मंदिर प्रबंधन पर भीड़ को नियंत्रित करने में असफलता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पर्याप्त सुरक्षा और प्रबंधन के अभाव में यह घटना घटी, जिससे श्रद्धालुओं की जानें गईं। याचिका में पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
- प्रशासन का रुख: प्रशासन ने दावा किया है कि उन्होंने भीड़ प्रबंधन के लिए सभी जरूरी कदम उठाए थे, लेकिन अचानक बढ़ी भीड़ और भगदड़ की स्थिति को काबू करना मुश्किल हो गया। हालांकि, प्रशासन ने घटना की जांच का आश्वासन दिया है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की बात कही है।
- हाईकोर्ट की सुनवाई: हाईकोर्ट इस मामले में प्रशासन और याचिकाकर्ताओं दोनों के तर्कों को सुनेगा। इसके बाद अदालत यह निर्णय लेगी कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है और क्या कोई अतिरिक्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
यह सुनवाई पीड़ित परिवारों और तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह तय होगा कि भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए किस तरह के सुरक्षा उपाय किए जाएं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए।