हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और इसी के तहत आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर सकती हैं। दोनों पार्टियां चुनावी रणनीतियों पर तेजी से काम कर रही हैं, और घोषणापत्र के माध्यम से जनता को आकर्षित करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर जोर देने की उम्मीद है।
BJP का फोकस:
BJP के घोषणापत्र में विकास कार्यों, बुनियादी ढांचे, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए रोजगार, और कृषि सुधारों जैसे मुद्दों को प्रमुखता से जगह मिलने की संभावना है। पिछले चुनावों में बीजेपी ने अपने विकास के एजेंडे पर जोर दिया था, और इस बार भी “डबल इंजन सरकार” की बात करते हुए केंद्र और राज्य दोनों में विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहले ही संकेत दिए हैं कि पार्टी किसानों के कल्याण, स्वास्थ्य सेवाओं और डिजिटल हरियाणा की दिशा में ठोस कदम उठाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, भाजपा युवाओं के लिए रोजगार सृजन और स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान केंद्रित कर सकती है।
कांग्रेस का रुख:
वहीं, कांग्रेस के घोषणापत्र में किसान हितों, बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था को प्रमुख चुनावी मुद्दों के रूप में उठाने की उम्मीद है। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के नेतृत्व में पार्टी ने किसानों की कर्जमाफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और गरीबों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का वादा पहले ही कर दिया है।
कांग्रेस का जोर इस बार बीजेपी सरकार की विफलताओं को उजागर करने और सामाजिक न्याय व आर्थिक समानता को बढ़ावा देने पर होगा। पार्टी महंगाई, भ्रष्टाचार, और बेरोजगारी को लेकर सरकार को घेरने की योजना बना रही है। साथ ही, कांग्रेस युवाओं के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं ला सकती है।
राजनीतिक मुकाबला:
हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा जहां अपनी सत्तारूढ़ सरकार की उपलब्धियों को भुनाने का प्रयास करेगी, वहीं कांग्रेस राज्य में सत्ता हासिल करने के लिए विकास से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर फोकस कर रही है।
आज घोषणापत्र जारी होने के बाद चुनावी माहौल और भी गर्म हो सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियां जनता के सामने क्या वादे करती हैं और किस तरह से चुनावी मुद्दों को आगे बढ़ाती हैं।