
दिल्ली के किसी भी नागरिक के घर में रहने के लिए तैयार हैं
दिल्ली,: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में जंतर मंतर पर आयोजित ‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से पांच महत्वपूर्ण सवाल पूछे। इस मंच पर उन्होंने बेबाकी से अपने विचार व्यक्त किए और जनता के बीच संवाद का एक नया तरीका अपनाया।
मुख्यमंत्री का नया संकल्प
केजरीवाल ने कहा कि श्राद्ध के समय के बावजूद, नवरात्र के प्रारंभ होते ही वे मुख्यमंत्री आवास छोड़कर आम जनता के बीच रहने का निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे दिल्ली के किसी भी नागरिक के घर में रहने के लिए तैयार हैं। यह कदम उनके जनता से सीधे जुड़ने के प्रयास को दर्शाता है।
RSS के लिए पांच सवाल
- सामाजिक सौहार्द्र: “क्या RSS भारत के हर नागरिक के साथ समानता का व्यवहार करेगा?”
- धार्मिक सहिष्णुता: “क्या RSS भारत की विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को स्वीकार करेगा?”
- भ्रष्टाचार: “क्या RSS भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाने को तैयार है?”
- शिक्षा का अधिकार: “क्या RSS हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है?”
- युवाओं के लिए रोजगार: “क्या RSS युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए व्यावहारिक योजनाएँ बनाएगा?”
इन सवालों के माध्यम से केजरीवाल ने न केवल RSS को चुनौती दी, बल्कि अपने समर्थकों का ध्यान भी आकर्षित किया। यह दर्शाता है कि वे आम लोगों की समस्याओं को समझने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
CM आवास छोड़ने का संकल्प
केजरीवाल ने अपने निर्णय को साझा करते हुए कहा, “मैं आपके घर आकर आपके साथ रहूंगा। यह मेरी ओर से एक नए सिरे से जुड़ने का प्रयास है।” उनका उद्देश्य जनता की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझना और उन पर कार्य करना है।
जनता के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अरविंद केजरीवाल का यह कदम न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके नेतृत्व में बदलाव की दिशा में एक सकारात्मक संकेत भी है। उनकी पहल यह दर्शाती है कि वे जनता के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि RSS इन सवालों का कैसे जवाब देता है और क्या केजरीवाल अपने संकल्प को पूरा कर पाएंगे।