
पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने कहा कि वह नीतीश कुमार को पिता समान मानते हैं। इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
अशोक चौधरी, जो बिहार सरकार में मंत्री भी हैं, ने कहा, “नीतीश कुमार मेरे लिए मार्गदर्शक हैं और उनके नेतृत्व में ही मैं राजनीति में अपने कदम बढ़ा रहा हूं। उनके साथ मेरी यह मुलाकात पूरी तरह से शिष्टाचार मुलाकात थी, लेकिन इसमें राजनीति से जुड़े कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई।”
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ रही है, और जदयू तथा राजद के गठबंधन में आंतरिक खींचतान की खबरें आ रही हैं। चौधरी के इस बयान से अटकलें तेज हो गई हैं कि पार्टी के अंदर उनके समीकरणों में बदलाव आ सकता है।
बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए हर नेता अपनी स्थिति को मजबूत करने में जुटा हुआ है। ऐसे में चौधरी का यह बयान जदयू के भीतर उनके बढ़ते प्रभाव और नीतीश कुमार के साथ उनके संबंधों की ओर इशारा करता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चौधरी का यह बयान विपक्षी पार्टियों पर दबाव बनाने और अपने समर्थकों के बीच एक स्पष्ट संदेश देने के लिए किया गया है कि वह नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं।
आगामी चुनावों के मद्देनजर, यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और अशोक चौधरी के इस मजबूत संबंध का राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।