अपने देश में वे अक्सर कचरा सड़क पर फेंकने में संकोच नहीं करते
अखबारों में प्रकाशित किया जाए
दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में नागपुर में आयोजित ‘स्वच्छ भारत अभियान’ कार्यक्रम के दौरान भारतीय नागरिकों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीयों का व्यवहार विदेशों में बेहतर होता है, जबकि अपने देश में वे अक्सर कचरा सड़क पर फेंकने में संकोच नहीं करते।
नागरिकों की जिम्मेदारी
गडकरी ने उदाहरण देते हुए कहा, “जब लोग विदेश में होते हैं, तो वे चॉकलेट के छिलके तक अपनी जेब में रख लेते हैं, लेकिन जब वे भारत में होते हैं, तो आसानी से कचरा फेंक देते हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मानसिकता बदलनी चाहिए।
पान मसाला थूकने वालों पर सख्ती
गडकरी ने पान मसाला खाकर सड़क पर थूकने वाले लोगों के व्यवहार की भी आलोचना की। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे व्यक्तियों की तस्वीरें खींची जाएं और उन्हें अखबारों में प्रकाशित किया जाए ताकि समाज में जागरूकता बढ़े। “सड़क पर थूकने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए,” उन्होंने कहा।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
कार्यक्रम में, गडकरी ने कहा कि स्वच्छता का केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव होता है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बचें और अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखें। “हमें अपने देश को साफ-सुथरा रखने के लिए प्रयास करना होगा,” उन्होंने कहा।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता का महत्व
नितिन गडकरी का संदेश स्पष्ट है कि स्वच्छता में केवल सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का उद्देश्य केवल सफाई नहीं, बल्कि एक नई मानसिकता का निर्माण करना है, जहां सभी नागरिक अपने परिवेश के प्रति सजग रहें।
स्वच्छता केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र के लिए आवश्यक है
स्वच्छता केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र के लिए आवश्यक है। नितिन गडकरी के विचारों से प्रेरित होकर, हमें अपने कार्यों में सुधार करने और स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की आवश्यकता है। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में हर किसी की भागीदारी आवश्यक है, ताकि हम एक स्वच्छ और सुंदर भारत की दिशा में आगे बढ़ सकें।