आसदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम के प्रमुख, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत करें और फलस्तीन में जारी युद्ध को रोकने का प्रयास करें। ओवैसी ने अपने बयान में इस संघर्ष के मानवीय पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि यह युद्ध निर्दोष लोगों के लिए तबाही और दुख लेकर आ रहा है।
ओवैसी का बयान
- मानवीय संकट: ओवैसी ने कहा कि फलस्तीन में हो रहे हत्याकांड और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सभी को ध्यान देने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि युद्ध का असर वहां की नागरिक आबादी पर बहुत बुरा पड़ रहा है।
- राजनीतिक जिम्मेदारी: ओवैसी ने मोदी सरकार से यह भी कहा कि एक जिम्मेदार देश के नेता के नाते भारत को इस संकट में हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के अन्य नेताओं को भी इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
- इज़राइल-फलस्तीन संघर्ष: यह संघर्ष लंबे समय से जारी है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच कई बार संघर्ष और शांति वार्ताएं हुई हैं। वर्तमान में स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं बढ़ गई हैं।
- आवाज उठाना: ओवैसी ने इस विषय पर आवाज उठाते हुए कहा कि भारत को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और मानवता की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।
ओवैसी की यह अपील एक बार फिर यह दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर राजनीतिक नेता किस तरह से संवेदनशीलता दिखाते हैं। उन्होंने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि युद्ध के दुष्परिणाम केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहते, बल्कि इसका असर पूरे विश्व पर पड़ता है। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएगी।