
स्टॉक मार्केट में निवेश के नाम पर ठगी
निवेश के नाम पर 1 करोड़ 20 लाख 70 हजार रुपये की धोखाधड़ी
गुरुग्राम, 19 अक्टूबर 2024 – साइबर ठगी के मामले में गुरुग्राम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के एक कर्मचारी सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी स्टॉक मार्केट में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों को बैंक खाते उपलब्ध कराने में शामिल थे।
ठगी का मामला
इस पूरे प्रकरण की शुरुआत 19 जून 2024 को हुई, जब एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साइबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम में शिकायत दर्ज कराई कि उसके साथ शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 1 करोड़ 20 लाख 70 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने ठगी के मामले में एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की।
जांच और गिरफ्तारियां
गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम शाखा, प्रियांशु दीवान सहायक पुलिस आयुक्त, साइबर अपराध, के नेतृत्व में काम कर रही थी। इस टीम में निरीक्षक नवीन कुमार, थाना प्रभारी साइबर अपराध पूर्व और मुख्य सिपाही रामप्रसाद सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।
रोहित शर्मा और विश्वास कुमार – को गुरुग्राम से गिरफ्तार
टीम ने 18 अक्टूबर 2024 को दो आरोपियों – रोहित शर्मा और विश्वास कुमार – को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया।
- रोहित शर्मा: यह आरोपी उत्तर प्रदेश के एटा जिले के गोविंद दास मोहल्ला का निवासी है। इस ठगी में प्रयोग किया गया बैंक खाता उसके नाम पर था, जिसे साइबर ठगी के लिए 1 लाख रुपये में बेचा गया था।
- विश्वास कुमार: यह आरोपी पंजाब नेशनल बैंक की कायमगंज शाखा में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत है। जांच में पता चला कि विश्वास कुमार ने इस बैंक खाते को फर्जी पते के आधार पर एक फर्म के नाम से खुलवाने में मदद की थी।
साइबर ठगी में 20 बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
अब तक गुरुग्राम पुलिस ने साइबर ठगी से संबंधित मामलों में कुल 20 बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पकड़े गए आरोपियों की संख्या 8 हो गई है, और पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह है, जो ठगी करने के लिए बैंक खातों का उपयोग करता है।
साइबर अपराधियों के नेटवर्क में बैंक कर्मचारियों की भी मिलीभगत
गुरुग्राम पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि साइबर अपराधियों के नेटवर्क में बैंक कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। पुलिस द्वारा की जा रही कड़ी जांच और कार्रवाई से साइबर अपराधियों की नकेल कसने की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि इस तरह की ठगी से बचाव हो सके।