झुंड में 12-15 भैंसें रॉन्ग साइड पर दौड़ती दिखाई दीं।
वाहन बाल-बाल दुर्घटनाओं से बच गए।
गुरुग्राम, 23 अक्टूबर – साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम में आज एक अजीबोगरीब घटना सामने आई। दिल्ली-जयपुर हाईवे के राजीव चौक फ्लाईओवर पर, पुलिस कमिश्नर ऑफिस से कुछ ही दूरी पर, एक झुंड में 12-15 भैंसें रॉन्ग साइड पर दौड़ती दिखाई दीं। इस दौरान सुबह 11 बजे हाईवे पर वाहनों की रफ्तार तेज थी, जिससे कई वाहन बाल-बाल दुर्घटनाओं से बच गए। हैरान करने वाली बात यह है कि इस नजारे के दौरान पुलिस की कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देखी गई।
रॉन्ग साइड पर दौड़ती भैंसें: एक बड़ा खतरा
हाईवे पर दौड़ती गाड़ियों के बीच भैंसें
यह घटना तब हुई जब हाईवे पर वाहनों की भारी आवाजाही थी। अचानक, भैंसों का एक बड़ा झुंड रॉन्ग साइड पर दौड़ता हुआ दिखाई दिया। यह दृश्य बेहद खतरनाक था क्योंकि हाईवे पर दौड़ती गाड़ियों के बीच भैंसें आसानी से दुर्घटना का कारण बन सकती थीं। हालात इतने नाजुक थे कि कई वाहन इस झुंड से टकराते-टकराते बचे, लेकिन कहीं भी पुलिस की मौजूदगी नहीं थी।
पुलिस की लापरवाही या चालान काटने की प्राथमिकता?
क्या पुलिस का ध्यान केवल चालान काटने पर है,
गुरुग्राम पुलिस अक्सर सड़क पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले दोपहिया वाहन चालकों पर चालान काटने में व्यस्त नजर आती है। लेकिन इस घटना ने सवाल खड़ा किया है कि क्या पुलिस का ध्यान केवल चालान काटने पर है, या फिर सड़क सुरक्षा भी उनकी प्राथमिकताओं में आती है? हाईवे जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह की लापरवाही बेहद चिंताजनक है।
क्या गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर करेंगे भैंसों का भी चालान?
पुलिस का ध्यान छोटे-छोटे ट्रैफिक उल्लंघनों पर केंद्रित रहता है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब गुरुग्राम के हाईवे पर मवेशियों का झुंड देखा गया हो। इससे पहले भी गायों और भैंसों के झुंड नेशनल हाईवे पर घूमते हुए देखे गए हैं, जिससे कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इन मामलों में कोई ठोस कदम उठाए जाने के बजाय, पुलिस का ध्यान छोटे-छोटे ट्रैफिक उल्लंघनों पर केंद्रित रहता है।
गुरुग्राम के नागरिकों ने इस घटना पर प्रशासन का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जब भैंसों का झुंड पुलिस कमिश्नर ऑफिस के पास से बिना किसी रोक-टोक के दौड़ सकता है, तो क्या इसका भी चालान किया जाएगा?
हाईवे सुरक्षा पर सवाल
इस तरह की घटनाएं पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं।
हाईवे पर इस तरह की घटनाएं किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। यह न केवल वाहनों के लिए बल्कि सड़क पर चलने वालों के लिए भी खतरनाक है। प्रशासन को इस ओर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। गुरुग्राम जैसे महत्वपूर्ण शहर में, जहां लाखों लोग प्रतिदिन सफर करते हैं, वहां इस तरह की घटनाएं पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं।
गुरुग्राम पुलिस का यह रवैया न केवल सवालों के घेरे में ,
गुरुग्राम पुलिस का यह रवैया न केवल सवालों के घेरे में है, बल्कि यह शहर की सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर भी गंभीर चिंताएं पैदा करता है। क्या पुलिस का ध्यान सिर्फ चालान काटने पर रहेगा या फिर वे इस तरह की खतरनाक स्थितियों पर भी सख्त कार्रवाई करेंगे?
कमिश्नर इस मामले में क्या कदम उठाते हैं
अब देखना होगा कि गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या वे हाईवे पर मवेशियों की मौजूदगी से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस नीति बनाते हैं या नहीं।