आखिरी क्षणों में रद्द करना पड़ा क्योंकि जिले के डीसी बीमार हो गए।
रोहतक, 23 अक्टूबर – हरियाणा के रोहतक जिले में जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के खिलाफ आज (23 अक्टूबर) को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी, लेकिन इस महत्वपूर्ण मीटिंग को आखिरी क्षणों में रद्द करना पड़ा क्योंकि जिले के डीसी बीमार हो गए।
वोटिंग के लिए सभी पार्षद पहले ही पहुंच चुके थे, लेकिन डीसी की अनुपस्थिति के कारण मीटिंग नहीं हो सकी। पार्षदों के आने के बाद कर्मचारियों ने वोटिंग से संबंधित सभी सामान समेटा और वहां से निकल गए। इस घटनाक्रम के बाद से जिला प्रशासन और राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
कौन हैं मंजू हुड्डा?
चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मंजू हुड्डा का नाम तब से चर्चा में है जब उन्होंने इस साल हुए विधानसभा चुनाव में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मंजू हुड्डा रोहतक के चर्चित गैंगस्टर राजेश सरकारी की पत्नी भी हैं, जिसके कारण उनकी राजनीतिक स्थिति भी चर्चित रहती है।
अविश्वास प्रस्ताव की पृष्ठभूमि
पार्षदों ने मांग की थी कि चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग
जिला परिषद के 14 में से 10 पार्षदों ने पहले ही मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डीसी को शिकायत दी थी। पार्षदों ने मांग की थी कि चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जाए। इसके बाद डीसी ने 23 अक्टूबर को इस प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग के लिए मीटिंग तय की थी, लेकिन ऐन वक्त पर डीसी की तबीयत बिगड़ने के कारण इस मीटिंग को टाल दिया गया।
राजनीतिक हलचल और आगे की रणनीति
भविष्य में इस प्रस्ताव पर दोबारा विचार किया जाएगा।
मंजू हुड्डा के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भले ही वोटिंग टल गई हो, लेकिन पार्षदों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में इस प्रस्ताव पर दोबारा विचार किया जाएगा। पार्षदों द्वारा लगाई गई शिकायतों और इस अविश्वास प्रस्ताव ने स्थानीय राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि डीसी की तबीयत में सुधार होने के बाद कब इस प्रस्ताव पर वोटिंग होगी और क्या इसका असर मंजू हुड्डा की राजनीतिक स्थिति पर पड़ेगा। फिलहाल, मीटिंग की नई तारीख की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।