विधायक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं
जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वह पिछले एक दशक से सत्ता में है।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर: हरियाणा में भाजपा की सरकार को 10 साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन हाल ही में विधानसभा में आए नए विधायक अपनी ही पार्टी के विकास कार्यों पर सवाल उठा रहे हैं। ये विधायक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि शायद वे यह भूल रहे हैं कि वे जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वह पिछले एक दशक से सत्ता में है।
सत्ताधारी विधायकों की आपत्ति
विधायकों के बीच अधिकारियों की बैठकें लेने की होड़ लगी हुई है।
नए विधायकों के बीच अधिकारियों की बैठकें लेने की होड़ लगी हुई है। गुड़गांव के अधिकारियों को बार-बार बुलाकर उन्हें बेइज्जत किया जा रहा है। विधायक आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारियों के कारण गुड़गांव में विकास नहीं हो पाया। वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दावा है कि हरियाणा विकास में सबसे आगे है। इस पर प्रदेश की जनता का क्या विश्वास है, यह एक बड़ा सवाल है।
उन्हें बेइज्जत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री का विकास का दावा
मुख्यमंत्री सैनी के विकास के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।
जब मंत्री और विधायक गुड़गांव के विकास को लेकर शिकायत कर रहे हैं, तब मुख्यमंत्री सैनी के विकास के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी के विधायकों की ये टिप्पणियां न केवल विकास की कमी को उजागर करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि पार्टी के भीतर ही असंतोष का माहौल है।
खट्टर सरकार का कार्यकाल
9 वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में कोई विकास कार्य नहीं किया?
एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या पिछले 9 वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में कोई विकास कार्य नहीं किया? सत्ताधारी विधायकों का यह आरोप कि अधिकारियों ने लूट मचाई, यह भी एक गंभीर मुद्दा है। क्या इन अधिकारियों का नेतृत्व मुख्यमंत्री के तहत ही हुआ है? यदि हां, तो ये आरोप लगाने वाले विधायक और मंत्री खुद कितने जिम्मेदार हैं?
क्या इन अधिकारियों का नेतृत्व मुख्यमंत्री के तहत ही हुआ है?
अंतर्दृष्टि
इस स्थिति में, अधिकारियों को ही दोषी ठहराने से अधिक आवश्यक है कि सत्ताधारी नेता अपने शासन के दौरान किए गए कार्यों का मूल्यांकन करें। जब तक वे अपने ही नेतृत्व पर सवाल उठाने में असफल रहेंगे, तब तक हरियाणा का विकास ठप रहेगा।
सत्ताधारी नेता अपने शासन के दौरान किए गए कार्यों का मूल्यांकन करें।
न कि एक-दूसरे पर आरोप लगाकर अपने कर्तव्यों से भागें।
हरियाणा की जनता अब चाहती है कि उनके नेता अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सही दिशा में काम करें, न कि एक-दूसरे पर आरोप लगाकर अपने कर्तव्यों से भागें। सत्ताधारी नेताओं को चाहिए कि वे जिम्मेदारियों को साझा करें और अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि राज्य का विकास हो सके।