
लोक अदालत में मामलों का समाधान आपसी सुलह और सहयोग से किया जाएगा,
गुरुग्राम, 26 अक्टूबर: गुरुग्राम जिले में न्यायालय में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे हेतु राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से आगामी 14 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव रमेश चंद्र ने जानकारी दी कि इस लोक अदालत में मामलों का समाधान आपसी सुलह और सहयोग से किया जाएगा, जिसमें वादकारी स्वयं या अपने वकीलों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं।
लोक अदालत का उद्देश्य और महत्व
श्री रमेश चंद्र ने बताया कि लोक अदालत का आयोजन न्यायालय में लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने का एक प्रभावी माध्यम है। इसमें बैंक ऋण, मोटर दुर्घटना, चेक बाउंस, राजस्व और वैवाहिक विवाद जैसे मामलों का सौहार्दपूर्ण माहौल में निपटारा किया जाएगा। लोक अदालत के माध्यम से होने वाले फैसलों का महत्व सामान्य अदालत के फैसलों के बराबर होता है और इन्हें उच्चतम न्यायालयों में भी चुनौती नहीं दी जा सकती।
लोक अदालत में निपटारे के लाभ
- शीघ्र न्याय – लोक अदालतों में मामले का त्वरित निपटारा होता है, जिससे लंबी न्यायिक प्रक्रिया से बचा जा सकता है।
- समय और धन की बचत – सामान्य अदालत में लंबा समय और खर्च होता है, जबकि लोक अदालत में सरल और सुलभ प्रक्रिया होती है।
- फैसले की अंतिमता – लोक अदालत में किए गए निर्णय के विरुद्ध अपील का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे विवाद का स्थाई समाधान होता है।
- सुलह और सहयोग का वातावरण – लोक अदालत में किसी भी पक्ष की हार या जीत नहीं होती, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से विवाद समाप्त होता है।
कौन से मामले लिए जाएंगे?
राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों का समाधान किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- बैंक ऋण से संबंधित मामले
- मोटर दुर्घटना क्लेम से जुड़े मामले
- चेक बाउंस (एनआई एक्ट के अंतर्गत)
- आपराधिक शांति भंग के मामले
- वैवाहिक विवाद, जैसे तलाक और संपत्ति विवाद
- राजस्व संबंधी मामले
लोक अदालत में निपटारे का आसान तरीका
सचिव श्री रमेश चंद्र ने वादकारियों से अपील की है कि जिनके मामले न्यायालय में लंबित हैं, वे इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने विवादों का समाधान लोक अदालत के माध्यम से कराएं। यहां विवाद का निपटारा बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के दोनों पक्षों की सहमति से किया जाता है। लोक अदालतों में होने वाले फैसले से ना तो किसी पक्ष को हार का सामना करना पड़ता है और ना ही जीत का, बल्कि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौते से ही विवाद का समाधान होता है।
न्याय का सुलभ और सस्ता माध्यम
लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां वादकारी सरल और किफायती न्याय का लाभ उठा सकते हैं। यहां पारस्परिक संवाद और सौहार्दपूर्ण माहौल में विवादों का निपटारा होता है, जिससे समाज में भी सकारात्मक बदलाव आते हैं और जनता का समय एवं पैसा भी बचता है।