
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन का मामला हो या चुनावी रणनीति का।
कैप्टन का स्पष्ट स्टैंड
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में दिए एक बयान से सियासी माहौल गरमा दिया है। उन्होंने मीडिया के सामने स्पष्ट किया है कि उन्होंने और अन्य कांग्रेसियों ने भाजपा में शामिल होने का निर्णय मजाक में नहीं लिया है। उनका कहना है कि भाजपा ने अब तक पंजाब के मुद्दों पर उनकी राय नहीं मांगी है, चाहे वह लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन का मामला हो या चुनावी रणनीति का।
भाजपा उनसे सलाह नहीं लेगी, वे किसी भी प्रकार की सलाह देने के लिए तैयार नहीं हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि जब तक भाजपा उनसे सलाह नहीं लेगी, वे किसी भी प्रकार की सलाह देने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए कहा कि वे 1967 से पंजाब की राजनीति में सक्रिय हैं। इस दौरान, वे दो बार मुख्यमंत्री, एक बार मंत्री, सात बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। उनका यह बयान उनके गंभीर राजनेता होने को दर्शाता है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस इस अवसर को भुनाने का प्रयास कर रही है
कैप्टन के बयान के तुरंत बाद कांग्रेस की नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कैप्टन के बयान का वीडियो साझा किया और इसे उनके दिल की बात बताया। यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस इस अवसर को भुनाने का प्रयास कर रही है ताकि भाजपा पर दबाव बढ़ाया जा सके।
पंजाब की राजनीतिक स्थिति
विश्लेषकों का मानना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ भाजपा हाईकमान से नाराज हो सकते हैं। खासकर, जब रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्रीय मंत्री का पद दिया गया है, इससे उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत हुई है। ऐसे में कैप्टन और जाखड़ की नाराजगी में इजाफा होना स्वाभाविक है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पंजाब की राजनीतिक परिस्थितियां आगे कैसे विकसित होती हैं
कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह बयान न केवल उनकी व्यक्तिगत स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भाजपा के लिए एक चुनौती भी साबित हो सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पंजाब की राजनीतिक परिस्थितियां आगे कैसे विकसित होती हैं और कैप्टन के भविष्य के कदम क्या होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति अगले लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।