CJI DY Chandrachud का बयान:
सरकार के प्रमुखों से मिलना कोई डील नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक परिपक्वता का संकेत है।
नई दिल्ली 28 अक्टूबर।
हाल ही में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) DY चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका और सरकार के बीच मुलाकातों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रमुखों से मिलना कोई डील नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक परिपक्वता का संकेत है।
बजट की महत्वपूर्ण भूमिका
CJI ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार के मुखिया से संवाद करना आवश्यक है, क्योंकि वे न्यायपालिका के लिए बजट आवंटित करते हैं। यदि केवल पत्राचार पर निर्भर रहेंगे, तो न्यायपालिका का कार्य बाधित होगा। यह स्पष्ट है कि न्यायपालिका को अपने कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों की सुनिश्चितता के लिए संवाद जरूरी है।
संवाद का अभाव और प्रशासनिक संबंध
CJI चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि उनकी करियर में कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान लंबित मामलों पर चर्चा की हो। उन्होंने बताया कि कोर्ट और सरकार के बीच का प्रशासनिक संबंध न्यायपालिका के कार्यों से अलग है। ये मुलाकातें त्योहारों या शोक के अवसर पर होती हैं और इनका कार्यप्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ता।
जजों की व्यस्तता और निर्णय लेने का समय
CJI ने अदालतों में छुट्टियों को लेकर उठाए जा रहे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जजों पर कार्य का अत्यधिक बोझ होता है, और उन्हें सोचने का समय चाहिए, क्योंकि उनके निर्णय समाज का भविष्य निर्धारित करते हैं। उन्होंने अपने दैनिक कार्य की दिनचर्या साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि वे सुबह 3:30 बजे उठकर 6:00 बजे से काम शुरू करते हैं।
कार्यभार की तुलना
उन्होंने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां साल में 181 केस निपटाए जाते हैं, जबकि भारतीय सुप्रीम कोर्ट एक ही दिन में उतने केस निपटा सकता है। यह तथ्य इस बात को दर्शाता है कि भारतीय न्यायपालिका पर कितना भारी कार्यभार है, जो कि हर साल लगभग 50,000 मामलों को संभालती है।
दोनों पक्षों के बीच खुला और सक्रिय संवाद हो
CJI DY चंद्रचूड़ के विचार न्यायपालिका और सरकार के बीच संवाद के महत्व को रेखांकित करते हैं। यह आवश्यक है कि दोनों पक्षों के बीच खुला और सक्रिय संवाद हो, ताकि न्यायपालिका को उसकी कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन मिल सके। जजों की मेहनत और उनके निर्णयों की गंभीरता को समझना सभी के लिए आवश्यक है, ताकि एक मजबूत और प्रभावशाली न्याय प्रणाली का निर्माण हो सके।