मुस्लिम कट्टरपंथी और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के नेता खुलकर सामने आ रहे हैं।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ विधेयक-2024 का मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में कड़ा विरोध जारी है। इस विरोध में मुस्लिम कट्टरपंथी और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के नेता खुलकर सामने आ रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह ने इस विधेयक को रोकने के लिए गंभीर चेतावनी दी है।
AIMPLB अध्यक्ष की कड़ी चेतावनी
यदि जरूरत पड़ी तो हम इस विधेयक के खिलाफ अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, मौलाना खालिद सैफुल्लाह ने वक्फ विधेयक-2024 को मुसलमानों के लिए “जीवन और मौत” का मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के अधिकारों में किसी भी तरह की कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मौलाना ने बयान में कहा, “यदि जरूरत पड़ी तो हम इस विधेयक के खिलाफ अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। हम किसी भी कीमत पर इसे लागू होने नहीं देंगे।”
मुस्लिम समुदाय में बढ़ता असंतोष
वक्फ बोर्ड विधेयक के खिलाफ मुसलमानों में बढ़ते असंतोष को देखते हुए कई समुदाय नेता इस विरोध को उकसाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने मुसलमानों से इस विधेयक का पुरजोर विरोध करने की अपील की है, जिससे कि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
जेलों में भरने की धमकी
मौलाना खालिद सैफुल्लाह ने एक और चेतावनी
वक्फ बोर्ड विधेयक पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, मौलाना खालिद सैफुल्लाह ने एक और चेतावनी दी कि यदि यह विधेयक लागू किया गया, तो “मुसलमान जेलों को भर देंगे,” और इस तरह की स्थिति पैदा कर देंगे कि देश की जेलों में अन्य अपराधियों के लिए जगह नहीं बचेगी। यह बयान कुछ कट्टरपंथी नेताओं द्वारा मुसलमानों के बीच उकसावे का प्रयास माने जा रहे हैं।
क्या है वक्फ विधेयक-2024?
वक्फ विधेयक-2024 का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना और वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित करना है। सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और उनके उपयोग में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
विधेयक को लेकर मुस्लिम संगठनों में असंतोष के बीच सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस विधेयक के सकारात्मक पक्षों को जनता के सामने रखने का प्रयास किया है। वहीं, AIMPLB समेत कुछ मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक अधिकारों के हनन के रूप में देख रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्मा सकता है।
वक्फ विधेयक-2024 पर चल रहे इस विवाद से यह साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्मा सकता है। जहां एक ओर सरकार वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है।