
यह श्लोक और पंचांग का विवरण वास्तव में बहुत समृद्ध और आध्यात्मिक है। वाराणसी, काशी के विश्वनाथ की महिमा और आज की ग्रह स्थिति का यह विवरण भक्तों के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक है।
श्लोक का अर्थ
भगवान शिव की स्तुति करता है,
यह श्लोक भगवान शिव की स्तुति करता है, जो चंद्रमा से प्रकाशित मुकुट पहनते हैं और जिनका तीसरा नेत्र कामदेव को भस्म कर देता है। यह दर्शाता है कि शिव केवल एक देवता नहीं, बल्कि संहारक और पुनर्सर्जक भी हैं।
आज का पंचांग
पंचांग के अनुसार, आज सोमवार है, जो कि शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
- तिथि: कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की तृतीया
- चंद्रमा: वृश्चिक राशि में, जिससे भावनात्मक गहराई और संवेदनशीलता का अनुभव हो सकता है।
- राहु काल: प्रात: 7:57 से 9:20 बजे तक किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने से बचें।
ग्रहों की स्थिति
आज सूर्य तुला राशि में है, और मंगल कर्क राशि में है। इस स्थिति से आपके कार्यों में सक्रियता और ऊर्जा की भावना प्रबल हो सकती है।
शुभ दिशा और यात्रा
पश्चिम, दक्षिण और उत्तर-पश्चिम दिशा आज के लिए शुभ मानी गई हैं। जबकि पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
दैनिक लग्न सारणी
यहाँ आज के लिए दैनिक लग्न सारणी दी गई है, जो आपकी दैनिक गतिविधियों की योजना बनाने में मदद कर सकती है:
- तुला: प्रात: 7:35 तक
- वृश्चिक: 7:35 से 9:54 तक
- धनु: 9:54 से 11:58 तक
- मकर: 11:58 से 1:41 तक
- कुम्भ: 1:41 से 3:09 तक
- मीन: 3:09 से 4:33 तक
- मेष: 4:33 से 6:09 तक
- वृष: 6:09 से 8:04 तक
- मिथुन: 8:04 से 10:18 तक
- कर्क: 10:18 से 12:39 तक
- सिंह: 12:39 से 2:56 तक
- कन्या: 2:56 से 5:13 तक
उपयोग
आप इस सारणी का उपयोग करके अपने दिन के महत्वपूर्ण कार्यों को लग्न के अनुसार व्यवस्थित कर सकते हैं। विशेष रूप से शुभ लग्नों में कार्य करने से सफलता की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
आज की ग्रह स्थिति से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि हमारे कार्यों पर आकाशीय प्रभाव कितना महत्वपूर्ण हो
वाराणसी और यहाँ के धार्मिक महत्व के साथ-साथ आज की ग्रह स्थिति से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि हमारे कार्यों पर आकाशीय प्रभाव कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। आज का दिन साधना और ध्यान के लिए उपयुक्त है, विशेषकर जब हम भगवान शिव की आराधना करते हैं।